Menu
blogid : 314 postid : 767

मोबाइल है खतरनाक

आज मोबाइल हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है. बिना मोबाइल के आजकल जीवन को सोच पाना भी बहुत मुश्किल है. एक छोटे से छोटे इंसान से लेकर बड़े इंसान तक सभी मोबाइल से जुड़े हैं. गांव और शहरों के बीच कोई दूरी रही ही नहीं है. लेकिन जिस तेजी से मोबाइल ने इंसानों के जीवन में दखल दी है वह अब एक गंभीर समस्या उत्पन्न करने वाला हो गया है. कई लोगों को तो सुबह उठने से लेकर रात को सोते समय तक मोबाइल पर ही बने रहना अच्छा लगता है.


दैनिक जीवन में मोबाइल की और अधिक करीबी बढ़ाई है मोबाइल सेवा देने वाली कपंनियों के टावरों ने. रिहायशी इलाकों में लगे यह टावर अब बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं. और ऐसा कहना है खुद स्वास्थ्य मंत्रालय का.


Mobile-virusस्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नई रिपोर्ट (विभिन्न मंत्रालयों की समिति आईएमसी ने अपनी रिपोर्ट में) में साफ-साफ कहा गया है कि मोबाइल और इसके टावर मानव शरीर पर कई हानिकारक प्रभाव दे रहे हैं. मोबाइल फोन और इसके टावर से निकलने वाली रेडिएशन हमारे हाजमे को बिगाड़ सकती है और यही नहीं इससे ठीक से नींद न आने की बीमारी और एकाग्रता की कमी हो सकती है.


मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन की वजह से थकान, नींद न आना, चक्कर आना और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा याद्दाश्त की कमी, सिरदर्द, पाचन तंत्र में गड़बड़ी और हृदय स्पंदन की समस्या भी हो सकती है.


एक उच्च स्तरीय समिति ने यह चेतावनी देते हुए रेडिएशन संबंधी नियमों में भारतीय जरूरतों के अनुसार बदलाव करने की सलाह दी है.


सरकार द्वारा गठित इस समिति ने कहा है कि घनी आबादी वाले इलाकों, स्कूलों और खेल के मैदानों के पास मोबाइल टावर लगाने पर कड़ा प्रतिबंध होना चाहिए. वैसे इस तरह के रेडिएशन के दीर्घकाल में पड़ने वाले प्रभाव का स्पष्ट तौर पर पता नहीं है, लेकिन समिति का कहना है कि इसके प्रभाव पर वैज्ञानिक शोध होने चाहिए. खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वृद्ध लोगों पर पड़ने वाले असर पर. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से मधुमक्खियों व पक्षियों की हलचल पर असर पड़ने की रिपोर्टों के मद्देनजर सरकार ने यह समिति गठित की थी.


इस समिति को रेडिएशन के प्रभाव का अध्ययन करने और मोबाइल टावरों को लगाने के बारे में दिशा-निर्देश तैयार करने का काम सौंपा गया था. समिति ने कहा कि भारत के मौसम की स्थिति यूरोप की स्थितियों से अलग है इसलिए रेडिएशन से जुड़े नियमों की समीक्षा की जानी चाहिए.


हालांकि रिपोर्ट में मोबाइल से बचने के कई उपाए भी बताए गए हैं जैसे मोबाइल को वाइब्रेशन मोड में नहीं रखना चाहिए, रात को सोते समय या दिन में भी मोबाइल को सर के पास नहीं रखना चाहिए, ज्यादा देर बात न करें, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मोबाइल के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh