कहते हैं जब घर के सदस्य ही घर की परेशानियों और बुरे कामों को जगजाहिर करें तो समझो अंदर के हालात बेहद नाजुक हैं. ठीक इसी तरह आज लगता है कि पाकिस्तान में रह रहे भारतीयों की हालात बेहद गंभीर है क्यूंकि खुद पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह बात स्वीकारी है कि पाकिस्तान में नाबालिग हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है.
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के अनुसार पाकिस्तान में नाबालिग हिन्दू लड़कियों का बलात धर्मपरिवर्तन हो रहा है जिससे अल्पसंख्यक समुदाय बहुत चिंतित है. मानवाधिकार आयोग की वर्ष 2010 की रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से मामलों में हिन्दू लड़कियों का अपहरण और उनके साथ बलात्कार किया जाता है और बाद में उन्हें धर्मपरिवर्तन पर मजबूर किया जाता है. सिंध प्रान्त विशेषकर देश की व्यापारिक राजधानी कराची में जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन की घटनाए हो रही हैं. पाकिस्तान की सीनेट की अल्पसंख्यक मामलों की स्थायी समिति ने अक्टूबर 2010 में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस उपाय करने का आग्रह किया था.
हालात इतने गंभीर हैं कि अदालतें भी अल्पसंख्यक लड़की या उसके परिवार वालों के साथ इंसाफ नहीं करती. 12 या 13 साल की लड़की को भी अभिभावकों के संरक्षण में नहीं छोड़ा जाता.
अगर धर्म परिवर्तन की बात की जाए तो भारत में ईसाई धर्म इस तरह की गतिविधियों में बेहद सक्रिय रहा है. लेकिन भारत में जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन कराने के मामले ना के बराबर हैं. यहां अक्सर लोग मजबूरी और पैसों के लालच में आकर ऐसा काम कर रहे हैं लेकिन पाकिस्तान की यह खबर हिला देने वाली है. किसी लड़की का बलात्कार कर या उस पर अन्य कोई दबाव बना उसे मजबूरन मुस्लिम बनाया जा रहा है और इसके पीछे कट्टरपंथियों का अधिक हाथ है.
एक तरफ भारत पाकिस्तान की तरफ क्रिकेट डिप्लोमैसी के द्वारा शांति और दोस्ती बढ़ाने के लिए हाथ बढ़ा रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस तरह की खबरें रिश्तों में खटास डालने वाली हैं.
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