13 जुलाई, 2011 को मायानगरी मुंबई एक बार फिर दहल गई. एक के बाद एक तीन बम धमाकों ने करीब तीस लोगों की जान ले ली और कई सौ लोगों को अस्तपाल में मरने के लिए छोड़ दिया. हादसे की तस्वीरें इतनी भयानक थीं कि एक समय लोगों की रूह भी कांप गई थी. लोगों के अंग विस्फोट से बिखर गए थे. हादसा इतना भयानक था कि आसपास के इलाकों में भी इसकी गूंज साफ सुनने को मिली. विस्फोट के बाद लोगों की चीख-पुकार ने मन को दया और करुणा से भर दिया था. लेकिन लगता है मानवीय भावनाओं का सागर हमारे नेताओं के दिलों में सूख गया है. तभी तो वह विस्फोट के बाद घायलों की मदद करने की बजाय अपनी राजनीति चमकाने में लग गए. देश की सत्ताधारी पार्टी के आला नेता तो ऐसा बयान देते हैं जिन्हें सुनकर मन करता है कि कभी वोट ही ना डालने जाएं.
13 जुलाई, 2011 को शाम 7 बजे तक मुंबई में कई मौते हो चुकी थीं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और भाजपा के कई अहम नेता एक फैशन शो का मजा लूट रहे थे. एक तरफ अभिनेत्री ऐश्वर्या राय ने एक सम्मान समारोह को मुंबईवासियों की मौत की वजह से टाल दिया तो वहीं दूसरी तरफ एक कांग्रेसी नेता ने भारत में आतंकवाद को पाकिस्तान से बेहतर बताया.
आइए जरा एक नजर डालते हैं हमारे देश के नेताओं के बयान पर जो उन्होंने इस बम विस्फोट के बाद दिया है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह: भविष्य में हमले रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी सरकार और दोषियों को सजा अवश्य मिलेगी.
क्या बात है मनमोहन सिंह जी. बहुत खूब कही आपने लेकिन लगता है आप कसाब को भूल गए. काफी साल पहले कसाब नाम का एक आतंकवादी मुंबई में 26/11 हमलों के दौरान पकड़ा गया था. सीसीटीवी कैमरों से पुष्टि हुई थी कि उसने निहत्थे लोगों पर गोली चलाई लेकिन क्या करें हमारे देश में तो कुत्तों का भी मानवाधिकार होता है सो उसे अब तक दामाद की तरह जिंदा रखा गया है.
राहुल गांधी:हर हमले को रोक पाना संभव नहीं है.
राहुल गांधी ने ऐसा बयान देकर उन सभी लोगों को सही साबित कर दिया है जो राहुल जी को अमूल बेबी की संज्ञा देते हैं. राहुल गांधी शायद भूल गए कि अमेरिका में 9/11 के बाद कोई दूसरी आतंकवादी घटना नहीं हुई. और भारत में तो साल में एक बार कोई ना कोई बड़ा आतंकवादी हमला होता ही है. क्या राहुल गांधी ने अभी तक सिर्फ गरीबों के बीच खाना खाना और भाषण देना ही सीखा है? जो लोग उनकी तुलना राजीव गांधी जैसे महान नेता से करते हैं वह शायद अपने आंकलन में गंभीर भूल कर रहे हैं.
दिग्विजय सिंह: भारत में आतंकवादी हमलों की हालत पाकिस्तान से बेहतर है.
दिग्विजय सिंह का क्या कहना. पता नहीं कांग्रेस में इनका काम क्या है. शायद विवादित बयान देने की वजह से ही कांग्रेस ने उन्हें टीम में रखा हुआ है. दिग्विजय सिंह के हालिया बयान ने साबित कर दिया है कि उनकी नजर में भारत और पाकिस्तान एक समान हैं.
अन्य और भी कई नेताओं ने अपना दुख जाहिर किया है लेकिन इन तीन महानुभावों के कथनों पर देश को शायद शर्म महसूस हो रही होगी. इतना सब होने के बाद भी हमने कसाब और अफजल गुरु को क्यूं जिंदा रखा है? क्या हम एक और आतंकवादी हमले का इंतजार कर रहे हैं या सरकार और दो साल इंतजार करना चाहती है. फिर चुनाव से पहले इन्हें फांसी देकर हीरो बनने का इरादा है मनमोहन जी का.
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