साल 2007 में टेलीकॉम नियामक ट्राई ने लोगों को अनचाही कॉल्स और एसएमएस से छुटकारा दिलाने के लिए “डू नॉट कॉल” सर्विस चालू की थी. लेकिन शातिर और चालाक टेलीमार्केटिंग कंपनियों ने इसका ऐसा तोड़ ढूंढ़ा कि पूछो मत. लेकिन इस बार ट्राई ने टेलीमार्केटिंग कंपनियों पर पूरी तरह से नकेल कसने की ठान ली है. लेकिन फिर से एक सवाल सबके दिलों को घबराने पर मजबूर कर रहा है कि क्या यह काम करेगा.
लंबी जद्दोजहद के बाद टेलीमार्केटिंग कंपनियों के अनचाहे कॉल से मुक्ति मिलने जा रही है. हालांकि अभी यह सुविधा सिर्फ उन्हीं मोबाइल ग्राहकों को मिलेगी जिन्होंने डू नॉट कॉल [कॉल नहीं करें] पर अपना नंबर पंजीकृत करा रखा है. हां, अगर आपने अभी तक इसके लिए पंजीकरण नहीं कराया है तो अभी देर नहीं हुई है. आपको बस टोल फ्री नंबर 1909 पर एसएमएस कर वक्त बेवक्त आने वाले कॉल और एसएमएस से मुक्ति पानी है.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को एक टेलीमार्केटिंग कंपनी द्वारा होम लोन की पेशकश किए जाने के बाद ही इस मामले ने तूल पकड़ा. उसके बाद ही दूरसंचार विभाग इसे लेकर सक्रिय हुआ.
सभी दूरसंचार कंपनियां मंगलवार से अनचाहे कॉल और एसएमएस से छुटकारा देने की ट्राई की सिफारिशों को लागू करने को तैयार हो गई हैं.
जो नए नियम और बदलाव किए गए हैं उनमें से कुछ खास बिंदु निम्न हैं:
कैसे करें डू नॉट कॉल में रजिस्ट्री
नेशनल डू नॉट कॉल रजिस्ट्री [एनडीएनसी] में नाम दर्ज कराने के लिए ग्राहकों को पहले अंग्रेजी में स्टार्ट 0 (START 0) लिखकर 1909 पर एक एसएमएस भेजना होगा. यह मैसेज फ्री होगा. आप चाहे तो 1909 पर कॉल करके भी रजिस्टर हो सकते हैं. पंजीयन के ठीक 7 दिनों के भीतर ग्राहक को एनडीएनसी की यह सेवा मिलने लगेगी.
खास बात
कई बार ऐसा होता है कि हमने अपने मोबाइल का नंबर बैंक के एटीएम या किसी अन्य महत्वपूर्ण कार्य के लिए दिया होता है. ऐसी स्थिति में हमें उन एसएमएसों की जरूरत होती ही है. इसलिए ट्राई ने भी अपनी दूरदर्शिता दिखाते हुए कुछ विकल्पों को खुला रखा है. अगर आप भी चाहते हैं कि आपके पास कुछ चुनिंदा मैसेज आते रहें तो नीचे दिए गए जानकारी को पढ़ें:
कुछ खास एसएमएस और कॉल्स के लिए
फाइनेंशियल और बैंक आदि से जुड़े कॉल्स आदि के लिए: START 1
रियल एस्टेट की जानकारी के लिए: START 2
शिक्षा से जुडी जानकारी के लिए: START 3
स्वास्थ्य के लिए: START 4
कंज्यूमर गुड्स के लिए: START 5
कम्यूनिकेशन के लिए: START 6
टूरिज्म के लिए: START 7
लेकिन इस देश में कानून बनने से पहले ही तिकड़मबाज इसे तोड़ने का तरीका ढूंढ ही लेते हैं. जानकारों के अनुसार अब टेलीमार्केटिंग कंपनियां या तो इंटरनेट द्वारा मैसेज भेजेंगी या फिर वह ऐसे उपभोक्ताओं को निशाना बनाएंगी जिन्होंने किसी खास श्रेणी के लिए सर्विस ले रखी हो. जैसे अगर किसी ने बैंकिग आदि से जुड़ी जानकारी लेने लिए अपने नंबर को डीएनडी से हटा रखी है तो उसके पास बैंकिग के नाम से कई कॉल्स आ सकती हैं जिससे वह परेशान हो सकता है. इसी तरह अगर किसी विद्यार्थी ने अपने कॉलेज से आने वाले एसएमएस के लिए अपने नंबर का इस्तेमाल किया है तो निजी संस्थान उसके नंबर पर ही कॉल्स और एसएमएस कर उसे परेशान करेंगे. इस सुविधा में भी कमी है. होना तो यह चाहिए था कि आप किसी खास इंडस्ट्री, कॉलेज या उत्पाद के लिए ही अपने नंबर पर अनचाहे कॉल्स या एसएमएस आने की आजादी रखते.
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