पाकिस्तान को अब तक आतंकवाद को पनाह देने का कई बार आरोप झेलना पड़ा है. लेकिन जबसे कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मिला है तबसे उसके ही सखा राष्ट्र अमेरिका ने उसे तिरछी नजर से देखना शुरू कर दिया है. लेकिन अमेरिका के हमले को पाकिस्तान ने एक चोट की तरह लिया है. पाकिस्तान के रक्षा प्रमुख ने ओसामा के मारे जाने के बाद यहां तक कह दिया था कि अगर अमेरिका ने दुबारा ऐसी हरकत की तो अंजाम अच्छा नहीं होगा. लेकिन लगता है अमेरिका आतंकवाद को खत्म करने की दिशा में पाकिस्तान की एक नहीं सुनने वाला. तभी तो इस बार अमेरिका की नाटो सेना ने पाकिस्तान की सीमा पर गोलाबारी कर 25 सैनिकों को मार गिराया.
पाकिस्तानी सेना ने नाटो सेना द्वारा हुए हमले के बाद के फुटेज जारी किए हैं. हमले में 24 सैनिकों की मौत हो गई थी. वीडियो में पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर दो सैनिक चौकियां दिख रही हैं, जो नाटो हमले में पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं.
लेकिन इस घटना ने राजनीतिक मोड़ तब ले लिया जब अमेरिका ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान से माफी मांगने से इंकार कर दिया और पाकिस्तान ने भी अपनी सेना को जवाबी कारवाई के लिए छूट दे दी.
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशरफ परवेज कयानी ने अपनी सेना को सीमा पार अफगानिस्तान से नाटो के किसी भी हमले का जवाब देने की पूरी छूट दे दी. इसी के साथ विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने धमकी दी है कि पाकिस्तान की संप्रभुता पर दोबारा हमला हुआ तो आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी सेना के साथ अपना सहयोग वापस ले लेंगे.
पाकिस्तान की इस तिलमिलाहट की वजह है उसका सच दुनिया के सामने आना. ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी को पनाह देकर पाकिस्तान दुनिया भर की नजर में अपनी छवि खराब कर चुका है. और ऊपर से दिन ब दिन होते खुलासों ने भी उसे दुनिया के सामने एक आतंकवादी देश के रूप में पेश किया है.
अगर सब चीज ऐसी ही चलती रही तो हो सकता है एक दिन अमेरिका अपना मोर्चा पाकिस्तान के खिलाफ खोल दे. लेकिन अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान के पास अब चीन का भी हाथ है. चीन इन दिनों पाकिस्तान की बहुत मदद करते हुए देखा गया है लेकिन चीन यह भूल गया है कि कुछ समय पहले अमेरिका ने भी पाकिस्तान के आगे दोस्ती का हाथ बढ़ाया था और उसे इसके बदले 9/11 जैसा घाव मिला.
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