Shehla Masood murder case
अभी राजस्थान में मचा भंवरी देवी का भूचाल खत्म नहीं हुआ कि देश में सेक्स, साजिश और राजनीति का नया खेल सामने आ गया है. भोपाल में आरटीआई एक्टीविस्ट शेहला मसूद की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या बेहद आम लग रही थी लेकिन जब कहानी की परतें खुलीं तो सब चकित रह गए. इस मामले में भोपाल की इंटीरियर डिजाइनर जाहिदा परवेज को गिरफ्तार किया गया जिसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया. मामला प्रेम त्रिकोण से जोड़कर देखा जा रहा है. जाहिदा ने शेहला की हत्या के पीछे अपने पति से उसके अवैध संबंध को वजह बताया है.
क्या है कहानी
इस केस में अभी तक यह पता चला है कि शेहला और जाहिदा मित्र थीं. दोनों की दोस्ती के बीच में ही किसी तरह शेहला के संबंध जाहिदा के पति से बन गए. पति को खोने के डर से जाहिदा ने शेहला को मरवा डाला.
हालांकि इस केस का दूसरा पहलू पैसों से भी जुड़ा है. कुछ समय पहले शेहला ने आरटीआई के जरिए पर्यटन निगम के भदभदा रोड पर 4 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित कन्वेंशन सेंटर और 200 कमरों के होटल में अड़ंगा लगा दिया था. जाहिदा का इरादा इस प्रोजेक्ट में इंटीरियर डेकोरेशन का काम करने का था. शेहला उसे लगातार धमकी देती थी कि वह उसे यह काम नहीं करने देगी. इतना ही नहीं वह जाहिदा को पर्यटन निगम में उसके नामांकन को भी निरस्त कराने की धमकी दे रही थी. माना जा रहा है कि इस बात से परेशान होकर जाहिदा ने यह कदम उठाया हो.
कुछ और पहलू
इस केस में भाजपा में हाईप्रोफाइल राजनीति करने वाले ध्रुव नारायण का नाम भी सामने आ रहा है. कहा जा रहा है कि हत्याकांड से ध्रुव नारायण का भले लेना देना न हो मगर दो-दो महिलाओं के साथ उनके कथित नाजायज रिश्तों की बात सामने आने के बाद पार्टी के ओहदे पर उन्हें बरकरार रखना बीजेपी के लिए हर लिहाज से नुकसानदायक है. गौरतलब है कि ध्रुव नारायण के शेहला और जाहिदा दोनों से बेहद करीबी रिश्ते माने जाते हैं.
इस केस का दूसरा पहलू महत्वाकांक्षाओं में डूबी महिलाओं का किसी भी हद तक चले जाने के खतरे को भी दिखा रहा है. शेहला न सिर्फ राजधानी की चर्चित महिला थीं, बल्कि वह जितनी चर्चित थीं उससे कहीं अधिक विवादित भी थीं. यही कारण है कि शेहला की हत्या के बाद किसी एक कारण या किसी एक व्यक्ति पर कोई शक नहीं कर पा रहा था. पचासों कारण लोग उनकी हत्या के मान रहे थे और लगभग इतने ही नामों की चर्चा दबे स्वरों में उनके हत्यारे के रूप में थी. लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि शेहला की हत्या का सच इतना चौंकाने वाला होगा और उसकी कातिल उसकी करीबी एक ऐसी महिला होगी जो शेहला की ही तरह महत्वाकांक्षी भी है.
महत्वाकांक्षी होती महिलाएं
कुछ समय पहले जो बात भंवरी देवी के केस में देखी गई वही बात यहां भी नजर आई कि एक मध्यम वर्गीय परिवार की औरत महत्वाकांक्षाओं में अपना सब कुछ दांव पर लगाकर सफलता की ओर बढ़ निकलती है और इस राह में उसे सही गलत की परवाह नहीं रहती. इस दौरान समाज में छिपे भेड़िए जब तक वासना की भूख खत्म नहीं हो तब तक उसका साथ देते हैं और जब भूख खत्म तो उस औरत को गाजर-मूली की तरह खाकर फेंक दिया जाता है. भंवरी देवी को जिस बेरहमी से मारा गया और शेहला हत्याकांड में जिस तरह से सियासत का खेल नजर आ रहा है उससे समाज में महिलाओं के दबदबे पर शंका होने लगी है. अधिक महत्वाकांक्षी होना और लोभी होना हमेशा इंसान के लिए खतरनाक होता है और यह आज साफ हो रहा है.
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