यूं तो कन्या भ्रूण हत्या जैसा मसला कोई आज की बात नहीं है लेकिन इस अत्यंत अमानवीय और निंदनीय कुकृत्य पर सरकार की नजर तब पड़ी जब बॉलिवुड के मिस्टर पर्फेक्शनिस्ट आमिर खान ने अपने पहले टेलीविजन शो सत्यमेव जयते पर इस मुद्दे को उठाया. खैर देर आए, दुरुस्त आए जैसी कहावतों पर विश्वास करते हुए हम वर्षों से नींद में डूबी सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए प्रभावकारी कदमों की सराहना करते हैं.
राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने राज्य में बढ़ रही कन्या भ्रूण हत्याओं से संबंधित सभी विचाराधीन मामलों को निपटाने और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने जैसे आमिर खान के अनुरोध को स्वीकार कर राज्य में फास्ट ट्रैक अदालत गठन करने की अनुमति दे दी है.
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार औपचारिक प्रस्ताव लाकर कन्या भ्रूण से संबंधित मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए शीघ्र ही राजस्थान हाईकोर्ट को भेजेगी.
आमिर खान के इस शो का असर सरकार पर इस कदर पड़ा कि जरा सी भी देर ना करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा से मिलकर भ्रूण हत्या से संबंधित मामलों पर एक ही स्थान पर सुनवाई करने के लिए फास्ट-टैक अदालत गठित करने का अनुरोध कर डाला. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अभिनेता आमिर खान को यह आश्वासन दिया है कि इस मसले पर जल्द से जल्द कार्यवाही शुरू की जाएगी.
शायद सरकार को यह पता ही नहीं था कि राजस्थान जैसे बड़े राज्य को कलंकित करते कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध रोज किसी ना किसी मां से उसके गर्भ में पल रही बच्ची को अलग कर देते हैं. इतना ही नहीं, आमिर से पहले जितने भी कार्यक्रम इस पर बने या फिर जितनी भी आवाजें उठाई गईं सरकार को उस ओर ध्यान देना जरूरी ही नहीं लगा इसीलिए सत्यमेव जयते के पहले एपिसोड, जो कन्या भ्रूण हत्या पर केंद्रित था, को देखने के बाद गहलोत ने ट्विटर पर कन्या भ्रूण हत्या जैसे अभिशाप को जड़ से उखाड़ फेंकने की दिशा में इसे असाधारण पहल कहा है.
गहलोत के इस ट्वीट के बाद आमिर खान ने जयपुर पहुंच कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के मसले पर करीब चालीस मिनट तक चर्चा की और इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने का विशेष अनुरोध किया था.
आमिर खान ने भले ही अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए सत्यमेव जयते जैसे विषय को चुना लेकिन इससे एक बात तो जाहिर है कि हमारा बॉलिवुड तो संवेदशीलता दिखा रहा है लेकिन शायद भारत की राजनीति को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझ बैठे सत्तासीन कभी मासूम बच्चियों और उनकी माताओं पर होते जुल्म के पीछे छिपे मर्म को समझ पाएंगे !!
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