Aarushi murder case
का फैसला आज भी नही हो पाया है. आज भी आरुषी मर्डर केस (Aarushi murder case) एक अनसुलझी मिस्ट्री की तरह ही है. एक कमरे के अंदर किस तरह एक लड़की मारी जाती और नौकर की लाश छत पर कैसे पहुंची यह अभी तक किसी की भी समझ से परे है. आरुषी मर्डर केस में हर महीने कुछ ना कुछ होता है लेकिन उस बंद कमरे की हकीकत कोई नहीं जानता जिसमें 16 मई, 2008 को आरुषी की हत्या हुई थी.
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कुछ दिन पहले आरुषी की मां डा. नूपुर तलवार को पुलिस ने हिरासत में लेने का फैसला किया. नूपुर को जेल में भी रहना पड़ा. उसके बाद गुरूवार 24 मई को सीबीआई की गाजियाबाद स्थित विशेष अदालत ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपत्ति पर हत्या के आरोप तय कर दिए. कोर्ट ने माना कि तलवार दंपत्ति ने मिलकर मौका ए वारदात से सबूतों को नष्ट किया. इसके अलावा राजेश तलवार पर झूठी जानकारी देने और जांच को गुमराह करने का भी आरोप लगाया गया है.
सीबीआई की थ्योरी: CBI’s View on Aarushi murder case
यूं तो देश में आए दिन मर्डर होते हैं. कुछ हाई प्रोफाइल केसों की सुर्खियां हमें समाचारों में देखने को भी मिल जाती हैं लेकिन आरुषी मर्डर केस इन सब से अलग है. इस केस में एक माता-पिता पर उनकी बेटी की हत्या का आरोप है और इतना ही नहीं तलवार दंपत्ति पर उनके नौकर की हत्या का भी आरोप है. सीबीआई को लगता है कि नौकर हेमराज का आरुषी के साथ कुछ नाजायज संबंध था और तलवार दंपति ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था और यही वजह है कि द्वेष और गुस्से में आकर तलवार दंपत्ति ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया.
कौन हैं डाक्टर तलवार?
डाक्टर तलवार ने नई दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की. जिस वक्त वह आरुषि हत्याकांड के आरोपों में घिरे उस वक्त वह फोर्टिस अस्पताल में बतौर सीनियर कंसलटेंट की हैसियत से काम कर रहे थे.
Aarushi murder case : आरुषी हत्याकांड की पूरी कहानी
16 मई, 2008 :- डीपीएस की छात्रा आरुषि का शव उसके नोएडा, सेक्टर-25 स्थित घर के कमरे में मिला. नौकर हेमराज पर लगा हत्या का आरोप.
17 मई 2008 :- चौबीस घंटे बाद आरुषि के घर की छत से नौकर हेमराज का शव बरामद.
23 मई 2008 :- नोएडा पुलिस ने आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार को हत्या का आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया. मेरठ जोन के तत्कालीन आईजी गुरुदर्शन सिंह ने आरुषि व हेमराज को आपत्तिजनक स्थित में पाए जाने को बताया हत्या की वजह.
31 मई, 2008 :- हत्याकांड की जांच सीबीआई को दी गई.
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1 जून, 2008 :- सीबीआई ने जांच की जिम्मेदारी संभाली. उत्तर प्रदेश शासन ने मेरठ जोन के आइईजी, मेरठ रेंज के डीआईजी और नोएडा एसएसपी का तबादला किया.
13 जून, 2008 :- नार्को टेस्ट के बाद सीबीआई ने डॉ. तलवार के कंपाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार किया.
27 जून, 2008 :- डॉ. अनिता दुर्रानी के नौकर राजकुमार को सीबीआई ने किया गिरफ्तार.
11 जुलाई 2008 :- डॉ. तलवार के पड़ोस में रहने वाले नौकर विजय मंडल को सीबीआई ने किया गिरफ्तार. 50 दिन जेल में रहने के बाद डॉ. राजेश तलवार रिहा.
12 सितंबर 2008 :- कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल सुबूत के अभाव में रिहा.
30 दिसंबर 2010 :- सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की.
25 जनवरी 2011 :- आरुषि के पिता पर गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में हमला.
9 फरवरी 2011 :- गाजियाबाद की विशेष अदालत ने तलवार दंपती को सबूत मिटाने और आरुषि हत्याकांड में शामिल होने का आरोप तय किया.
28 फरवरी 2011 :- सीबीआई की विशेष अदालत ने तलवार दंपती के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया.
11 अप्रैल 2012 :- कोर्ट ने नूपुर तलवार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. नूपुर तलवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की. जिस पर पर कोर्ट ने नूपुर की गिरफ्तारी पर तीस अप्रैल तक के लिए रोक लगा दी.
30 अप्रैल 2012 :- नूपुर तलवार ने सीबीआई की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया. कोर्ट ने जेल भेजा.
3 मई 2012 :- सत्र न्यायालय ने नूपुर की जमानत याचिका खारिज की.
14 मई 2012 :- गाजियाबाद कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले से जुड़े दस्तावेज तलवार दंपत्ति को सौंपने को कहा.
15 मई 2012 :-सीबीआई ने तलवार दंपत्ति को दस्तावेज सौंपे
16 मई 2012 :- सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई. इलाहाबाद हाईकोर्ट में नूपुर की जमानत याचिका पर सुनवाई टली.
22 मई 2012 :- गाजियाबाद की विशेष अदालत में तलवार दंपत्ति पर आरुषि हत्याकांड में आरोप तय करने पर सुनवाई पूरी.
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