देश के सबसे विवादित सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह की रिटायरमेंट के बाद देश की थल-सेना की कमान अब जनरल बिक्रम सिंह संभालेंगे. बिक्रम सिंह पूर्वी कमान से सेनाध्यक्ष पद पर पहुंचने वाले पांचवें अधिकारी हैं. वीके सिंह भी पूर्वी कमान के ही कमांडर थे. आइए जानते हैं अपने नए सेना अध्यक्ष के बारे में कुछ विशेष बातें:
कौन हैं जनरल बिक्रम सिंह
1965 में पाकिस्तान युद्ध की यादों को लिए एक नौजवान सिख रेजिमेंट में भर्ती हुआ. यह नौजवान कोई और नहीं जनरल बिक्रम सिंह थे. गौरतलब है कि 1965 युद्ध के समय उनकी उम्र महज 15 वर्ष थी. तब रात को सीमा में विदेशी विमान घुसने पर सायरन बजा कर सेना लोगों से अपने घरों की लाइट बुझाने का निर्देश देती थी. इसके बाद से ही उन्होंने देश की सेवा सेना में भर्ती हो कर करने का निश्चय किया. आज वही 15 वर्ष का लड़का सेना के सबसे बड़े पद को ग्रहण करने जा रहा है.
सिख रेजिमेंट में 31 मार्च, 1972 को शामिल लेफ्टिनेंट जनरल विक्रम सिंह अपने 40 वर्ष के सैन्य कॅरियर में देश-विदेश में कई महत्वपूर्ण पदों को सफलतापूर्वक संभाल चुके हैं. सेनाध्यक्ष का भार संभालने से पहले उन्होंने पूर्वी कमान के जनरल ऑफीसर कमांडिंग का पदभार छोड़ा. इससे पहले वह उत्तरी कमान के कार्प कमांडेंट, कांगो में यूएन पीस कीपिंग मिशन के डिप्टी फोर्स कमांडर व निकारागुआ व अल सल्वाडोर में यूएन के पर्यवेक्षक रह चुके हैं. वह सिख लाइट इंफेंट्री रेजिमेंट के दूसरे ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें थल सेना प्रमुख बनने का गौरव प्राप्त हो रहा है. इससे पहले 1997 में जनरल वी पी मलिक देश के 21वें थल सेना प्रमुख नियुक्त किए गए थे.
उन्हें परम विशिष्ट सेवा, उत्तम युद्ध सेवा, अतिविशिष्ट सेवा और सेना मैडल जैसे अलंकरणों से नवाजा जा चुका है. सिख लाइट इंफैंट्री में 1972 के कमीशन प्राप्त अधिकारी बिक्रम सिंह अगस्त, 2014 तक सेनाध्यक्ष रहेंगे.
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