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क्या यूजर्स का ऑनलाइन अस्तित्व खतरे में है ?

hackedइंटरनेट या फिर सोशल नेटवर्किंग साइटों के मामले में यह कभी नहीं कहा जा सकता है कि सुरक्षा के संबंध में यह हमारे सभी मानकों को पूरा करती हैं. आए दिन कुछ ऐसी खबर सुनने या देखने को मिल ही जाती है जिससे इस सूचना तकनीक के इस्तेमाल करने वालों का विश्वास डगमगाने लगता है. पेशेवर नेटवर्क वेबसाइट लिंक्डइन के करीब 65 लाख उपयोक्ताओं के पासवर्ड चोरी होने की खबर ने सूचना तकनीक जगत में सनसनी फैला दिया. इस घटना के बाद लिंक्डइन ने सुरक्षा मानको को ध्यान में रखते हुए अपने सभी उपयोक्ताओं से फौरन पासवर्ड बदलने के लिए भी कहा. लिंक्डइन के पासवर्ड चोरी होने के खुलासे के बाद कई दूसरी बड़ी कंपनियों ने भी माना कि उनके उपयोक्ताओं के पासवर्ड भी चोरी किए गए हैं. अमेरिका की मशहूर डेटिंग वेबसाइट ईहारमॉनी और ब्रिटेन की संगीत साइट लास्टमएफएमडॉटकॉम इनमें शामिल हैं.


क्या हो सकता है पासवर्ड चोरी होने पर

यह पहली घटना नहीं है जब किसी हैकर्स ने सुनियोजित तरीके से इस हमले को अंजाम दिया हो. नवंबर 2011 में सुनियोजित स्पैम हमले की वजह से फेसबुक के 60 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे. उस वक्त हमले के बाद अचानक लाखों लोगों की न्यूजफीड और वॉल पर अश्लील व भद्दी तस्वीरें नजर आने लगी थीं.

फेसबुक-ट्विटर आदि सोशल नेटवर्किग साइट के पासवर्ड चोरी होने पर इसका इस्तेमाल फिशिंग यानि ऑनलाइन जालसाजी के लिए किया जा सकता है; कई तरह की अफवाहें फैलाने के लिए किया जा सकता है; क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जैसी सूचनाएं लीक हो सकती हैं.


क्यों होती है पासवर्ड की चोरी

पासवर्ड से जुड़ी एक बड़ी समस्या और चिंता यह है कि उपयोक्ता अपने पासवर्ड का नाम बेहद ही सरल रखता है. इसकी वजह से अमूमन पासवर्ड चोरी की घटना आसान हो जाती है. इसके अलावा यह भी देखा गया है कि लोग कई खातों का पासवर्ड एक ही रखते हैं. इससे यह खतरा है कि एक खाते के पासवर्ड चोरी होने की दशा में हैकर्स आपके कई खाते के पासवर्ड चोरी कर सकते हैं. कई बार यह भी देखा गया है कि लोग अपने पासवर्ड को गंभीर रूप में नहीं लेते जिसका परिणाम उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है.


भारत में क्या है स्थिति

अगर हम भारत के दृष्टिकोण से देखें तो पासवर्ड की चोरी भारत के लिए और ज्यादा खतरनाक है. सोशल साइट्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है जिसमें भारत के लोगों की संख्या ज्यादा है. यहां पाया गया है कि पासवर्ड के संबंध भारत के यूजर्स गंभीर दिखाई नहीं देते. भारत में लिंक्डइन के अलावा कई दूसरी सोशल साइट हैं जिनके यूजर्स की संख्या बढ़ी है. बीते तीन साल में लिंक्डइन के उपयोक्ता भारत में 300 फीसदी बढ़े हैं. अभी करीब 1 करोड़ 40 लाख लोग इस साइट का इस्तेमाल कर रहे हैं. फेसबुक के भारत में करीब साढ़े पांच करोड़ यूजर्स हैं. यह आंकड़ा यदि देखा जाए तो इंटरनेट आबादी के लिहाज से बहुत अधिक है.


पासवर्ड चोरी होने के मामले में एक सवाल दिमाग में यह आता है कि क्या हैकर्स फेसबुक-लिंक्डइन और ट्विटर जैसी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों द्वारा निर्धारित किए गए सुरक्षा मानकों से भी आगे हो गए हैं. इस घटना ने इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचा दिया है और यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यूजर्स का ऑनलाइन अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है?


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