Weather in India 2012
मुंबई में बाढ़, उत्तर पूर्वी भारत में पानी का कहर लेकिन दिल्ली, हरियाणा में पता नहीं इंद्र भगवान को क्या परेशानी है? यूं तो दिल्ली में मानसून सही समय पर आ जाए यह कम ही होता है लेकिन इस बार तो ना सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे भारत में ही मानसून की तंदुरुस्ती बिगड़ी हुई है.
Rainfall in India: कहीं सूखा कहीं पानी-पानी
“पानी रे पानी तेरा रंग कैसा” कहीं तो यह पानी बरस ही नहीं रहा और कहीं इतना बरस रहा है कि लोग इसे गालियां दे रहे हैं? वैसे इंसान भी बड़ा अजीब है पानी ज्यादा बरसे तो परेशान कम बरसे तो परेशान. दिल्ली में इस बार मानसून की एक भी बूंद नहीं गिरी तो वहीं मुंबई में पानी इस कदर बरसा कि कई लोगों के घर के दिए बुझ गए. यूपी के लोग फसलों की तराई के लिए जिस इंद्र देवता की टकटकी लगाए बैठे थे वह उत्तर प्रदेश की जगह असम, मेघालय जैसे इलाकों में जाकर बरसे और ऐसा बरसे कि सब देखते रह गए.
Rain in India 2012: दो जून की रोटी भी भारी होगी
मानसून की गाड़ी अपनी तय तारीखों से अब एक पखवाड़ा पिछड़ गई है. जून के खत्म होने तक मानसून जहां आधे भारत तक बमुश्किल पहुंचा है. वहीं, अब तक दर्ज बारिश में भी ज्यादातर इलाके सामान्य से कम वर्षा दर्ज कर पाए हैं. ऐसे में देश के जल भंडारों का तेजी से घटता स्तर फिक्र बढ़ा रहा है. वहीं, खरीफ की फसल के लिए चिंता दिन-ब-दिन बढ़ रही है. धान की करीब 15 प्रतिशत नर्सरी नष्ट हो चुकी है. रोपाई कार्य में दस दिन से अधिक का विलम्ब भारी पड़ेगा. मक्का, ज्वार और बाजरा की बुआई भी प्रभावित होगी तो पशु चारे का संकट भी गहरायेगा.
मानसून का रिपोर्ट कार्ड
– पश्चिम में 17 जून से महाराष्ट्र और पूरब में 21 जून के बाद उत्तर प्रदेश से आगे नहीं बढ़ पाया मानसून.
– सामान्यतया एक जुलाई तक राजधानी दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब तक पहुंच जाता है मानसून.
– कृष्णा, कावेरी, गोदावरी व सिंधु बेसिनों में 60 प्रतिशत की कमी.
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