भारत में 30 जुलाई का दिन वाकई एक ब्लैक मंडे के तौर पर याद किया जाएगा. यह दिन इतना मनहूस रहा जिसकी किसी को भी कल्पना नहीं होगी. पहले उत्तरी ग्रिड की खराबी की वजह से नॉर्थ इंडिया के कई राज्यों में बत्ती गुल फिर दिल्ली से चेन्नई जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस में आग, हरियाणा के भिवानी में सड़क हादसे में 32 श्रद्धालुओं की मौत और फिर अमृतसर में एक मानवरहित क्रॉसिंग पर पैसेंजर ट्रेन से स्कूल बस टकराने से पांच बच्चों की मौत.
30 जुलाई का दिन भारत के कई घरों के लिए बेहद भारी साबित हुआ. तीन अलग-अलग जगह पर हुए हादसों में कई लोग मारे गए.
देश के लिए यह दिन कैसे बना ब्लैक मंडे
ब्लैक आउट: सोमवार 30 जुलाई की सुबह दिल्ली समेत कई राज्यों में बिना बिजली के गुजरी. बिजली ना आने की वजह से ना ट्रेनें चल पा रही थीं ना ही दिल्ली की मेट्रो. उत्तरी ग्रिड की खराबी के कारण उत्तर भारत के कई इलाकों में बिजली गुल रही. बिजली जाने के कारण सबसे खराब हालत अस्पताल, मेट्रो और ट्रेन सर्विस की रही.
द बर्निंग ट्रेन: दिल्ली से चेन्नई जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लग जाने से करीब 48 यात्रियों की मौत हो गई है और 28 अन्य घायल हो गए. माना जा रहा है कि दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस की एस 11 बोगी में शॉर्ट सर्किट की वजह से यह आग लगी.
भिवानी सड़क हादसा: हरियाणा के भिवानी में हुए सड़क हादसे में 32 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. हिसार-राजगढ़ रोड पर राजस्थान के अमरपुरा धाम से श्रद्धालुओं से भरा कैंटर एक ट्रक से टकरा गया. हादसे में 28 लोगों की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि चार लोगों की मौत अस्पताल में हुई.
इन घटनाओं से 30 जुलाई का दिन भारत के कई घरों के लिए बेहद दर्दनाक साबित हुआ. हालांकि सरकार ने मुआवजे की घोषणा कर कुछ जख्मों पर दवाई लगाने का काम किया है लेकिन फिर भी कुछ जख्म तो ऐसे होते हैं जो किसी मरहम से भर नहीं सकते. उम्मीद करते हैं ऐसे हादसे भविष्य में ना हों.
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