इस समय पूरा बॉलीबुड शोक में डूबा हुआ है कारण प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देशक एवं पटकथा लेखक यश चोपड़ा का संक्षिप्त बीमारी के बाद रविवार को मुंबई निधन होगा. 80 साल के यश चोपड़ा डेंगू की शिकायत के चलते 13 अक्टूबर को मंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यश चोपड़ा का अंतिम संस्कार दोपहर तीन बजे पवनहंस शव-दाहगृह में किया जाएगा.
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बॉलीवुड को दो स्टार दिए
रोमांस पर आधारित फिल्मों के बादशाह जहां एक तरफ सत्तर के दशक में एक फ्लॉप अभिनेता को सुपर स्टार बनाने की कवायद में लगा हुआ था वहीं दूसरी तरफ नबे के दशक में दूसरा स्टार इनका इंतजार कर रहा था. जी हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन और बादशाह शाहरूख खान की. वह यश चोपड़ा ही थे जिन्होंने अमिताभ बच्चन को ‘एंग्री यंग मैन’ और शाहरूख खान को ‘किंग ऑफ रोमांस’ का तमगा दिया. इन दोनों स्टारो के कॅरियर की सबसे बड़ी हिट फिल्मों का श्रेय यश चोपड़ा को जाता है.
यश चोपड़ा का जीवन. फिल्मी कॅरियर
लगभग 53 साल से फिल्मों पर एकक्षत्र राज करने वाले यश चोपड़ा का जन्म 21 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के लाहौर शहर में हुआ था. यशराज ने अपना फिल्मी कॅरियर अपने बड़े भाई बीआर चोपड़ा के सहायक के तौर पर किया. बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म 1959 में बनी ‘धूल का फूल’ थे. इसके बाद यश चोपड़ा ने पिछे मुड कर नहीं देखा और एक बाद एक सुपर हिट फिल्मे देते गए. जिसमें ‘वक्त’ ‘दिवार’, ‘दाग’, ‘त्रिशूल’, ‘कभी-कभी’, ‘चांदनी’, ‘डर’, आदि शामिल है. वह बॉलीवुड के शायद पहले निर्देशक हैं जिन्होंने कॅरियर की शुरुआत में ही यशराज फिल्म्स से खुद का बैनर स्थापित किया जिसने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी. उनके परिवार में पत्नी पामेला चोपड़ा और पुत्र आदित्य एवं उदय चोपड़ा हैं.
यश चोपड़ा को पुरस्कार
फिल्म के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 2001 में दादा साहब फाल्के एवम 2005 में पद्म भूषण से सम्मानित किया. उन्हे छह राष्ट्रीय पुरस्कार एवं 11 फिल्म फेयर पुरस्कारों से भी नवाजा गया.
फिल्मों के साथ-साथ असल जिंदगी में भी खुलकर जिने वाले यश चोपड़ा ने अपने जिवन के आखिर वक्त में भी अपने आप को सक्रिय रखा. उनकी आखिरी फिल्म शाहरूख खान और कटरीना कैफ की स्टारर ‘जब तक है जान’ है जो नंवबर में रीलीज होने वाली है. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा भी था की यह फिल्म उनकी आखिरी फिल्म होगी और शायद तकदीर को भी यही ही मंजूर था.
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