अपने खुलासे से भारतीय राजनीति में हड़कंप मचाने वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर अपने नए खुलासे के साथ मीडिया के सामने आए हैं. इस बार अरविंद का निशाना कोई खास व्यक्ति नहीं बल्कि वह तमाम भ्रष्टाचारी हैं जिन्होंने गैर-कानूनी तरीके से पैसे बनाकर देश के पैसे को विदेशों में भेजा है.
शुक्रवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एचएसबीसी बैंक की जिनेवा शाखा में 700 लोगों के 6 हजार करोड़ रुपए का काला धन जमा है. अरविंद के मुताबिक भारत सरकार के पास इन सभी लोगों की लिस्ट है लेकिन सरकार इन्हें बचाने का प्रयास कर रही है और अपराध को बढ़ावा दे रही है.
पिछली बार जब केजरीवाल जनता के सामने आए थे तो उन्होंने मुकेश अंबानी को आडे हाथ लिया. इस बार भी उनका यह खुलासा अंबानी परिवार पर ही था. केजरीवाल ने दावा किया कि लिस्ट के मुताबिक सन् 2006 तक वहां मुकेश अंबानी के 100 करोड़, अनिल अंबानी के 100 करोड़, मोटेक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड (रिलायंस ग्रुप की कंपनी) के 2100 करोड़, रिलायंस इंडस्ट्रीज के 500 करोड़, जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के 80 करोड़ और डाबर समूह वाले बर्मन परिवार के 25 करोड़ रुपये जमा थे. केजरीवाल के दावे के मुताबिक, उन्नाव से कांग्रेस की सांसद और राहुल गांधी की करीबी अनु टंडन के नाम भी 125 करोड़ रुपये जमा थे.
अरविंद ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार के पास यह लिस्ट आने के बाद तीन लोगों के यहां इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 28 जुलाई, 2011 को छापेमारी की. इन लोगों के स्विस खातों में 8 से 15 करोड़ रुपये जमा थे. उन्होंने सवाल किया कि रिलायंस, बिड़ला और गोयल के यहां छापे क्यों नहीं पड़े. उनके इन सवाल से पता चलता है इन बड़े हैसियत वाले लोगों से शायद सरकार डरती है. केजरीवाल के आज के बयान से यह साफ होता है कि देश जनता की चुनी हुई सरकार से नहीं चल रहा बल्कि उन बड़े पूंजीपतियों से चल रहा है जो सरकार को अंगुलियों से नचा रहे हैं.
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