ग्लैमर फैशन के इस युग भारतीय राजनीति में एक व्यक्ति ऐसा है जिसे आज की तड़क भड़क वाली जिंदगी बिलकुल पसंद नहीं है. जी हम बात कर रहे हैं इंडियन नेशनल कांग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गांधी की. रायबरेली में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलाजी (निफ्ट) के दीक्षांत समारोह में डिजाइनिंग के छात्रों को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि “फैशन का मतलब सिर्फ तड़क-भड़क ही नहीं होनी चाहिए, सादगी का समावेश करके भी फैशन को समृद्ध बनाया जा सकता है.”
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पश्चिमी देशों में पली-बढ़ी यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी का मानना है कि भारतीय फैशन ट्रेंड में हर चीज को जरूरत से ज्यादा किया जाता है. कपड़ों को जरूरत से ज्यादा ही सजाया जाता है. उनके अनुसार कपड़े में जिस तरह से कांट-छांट की जाती है एक ड्रेस में जरदोजी, मोती, लहरें और क्रिस्टल सब कुछ लगा दिया जाता है इसे फैशन नहीं कहा जा सकता.
सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानंमत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा, इंदिरा जी का पहनावा बहुत सहज होता था. उन्होंने कहा कि सादी सी साड़ियां पहनने वाली इंदिरा गांधी को फैशन की गहरी समझ थी और उनकी सादगी की तारीफ पूरी दुनिया में होती थी. स्वयं सोनिया गांधी भी सार्वजनिक रूप से जनता के सामने अपने आप को सादगी और सरल अंदाज में पेश करती हैं. अपने रोजाना के जीवन में सिम्पल साड़ी और सूट को प्राथमिकाता देती हैं.
सोनिया गांधी की बातों से ऐसा लगता है कि वह चकाचौंध वाली जिंदगी को पसंद नहीं करतीं. उनका भले ही इटली में जन्म हुआ हो लेकिन जब से वह भारत में हैं उन्होंने कोशिश की है कि भारत की मूल सभ्यता और संस्कृति को अपने अंदर ढाल लिया जाए. उन्होंने न केवल भारतीय पहनावे को अपनाया बल्कि भारतीय भाषा हिंदी को बोलने में भी नहीं हिचकिचाईं.
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