भारत में सैकड़ों राजनीतिका पार्टियों के बीच उभरते हुए नेता अरविंद केजरिवाल ने सोमवार को ‘आम आदमी पार्टी’ के नाम से नई पार्टी की स्थापना की. पार्टी की तरफ से उन्होंने पहले दिन आम जनता से वादा किया कि वह अगर सत्ता में आते हैं तो भ्रष्ट नेताओं को जेल भिजवाएंगे और 15 दिन के भीतर जन लोकपाल कानून लाएंगे. पार्टी को पहले दिन ही लोगों का खूब जन समर्थन मिला हैं. इसके साथ ही पार्टी स्थापना दिवस के पहले दिन ही पार्टी कोष में दो लाख रुपये के करीब चंदा जमा भी हो गया. पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने एक करोड़ रुपए देकर पार्टी को समर्थन दिया.
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पार्टी स्थापना दिवस
सोमवार को पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के दौरान ही पदाधिकारियों का भी ऐलान कर दिया गया. पार्टी का सबसे प्रमुख चेहरा रहे केजरीवाल ही इसके संयोजक की जिम्मेदारी निभाएंगे. जबकि सामाजिक कार्यकर्ता पंकज गुप्ता इसके सचिव होंगे और लोकपाल आंदोलन के समय से ही सारा हिसाब-किताब संभालने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट कृष्णकांत सेवदा को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकारी सदस्यों के खिलाफ किसी भी आरोप की जांच के लिए दो सदस्यों का आंतरिक लोकपाल भी गठित किया गया है. नौसेना प्रमुख रहे एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास और झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस भगवती प्रसाद शर्मा यह जिम्मेदारी संभालेंगे.
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कया-क्या किए वादे
पार्टी के पहले कार्यक्रम में जनता के बीच केजरीवाल ने कई वादे किए. इनमें भ्रष्टाचार दूर करने का सपना तो सबसे ऊपर था ही, पांच साल के अंदर ही देश से गरीबी और भुखमरी को भी खत्म कर देने के लुभावने वादे भी उन्होंने किए. केजरीवाल ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो 15 दिन के अंदर जन लोकपाल कानून पारित कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि छह महीने के अंदर सभी भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ आरोपों की जांच पूरी कर ली जाएगी.
केजरीवाल ने समर्थकों को जीवन में कभी घूस नहीं लेने या देने की शपथ दिलवाई. इसके अलावा हर चुनाव में वोट डालने, चुनाव में पैसे या शराब आदि के प्रलोभन में नहीं आने और जाति-धर्म के नाम पर वोट नहीं देने की शपथ भी दिलवाई गई. इस तरह से यदि देखा जाए तो पार्टी स्थापना का दिन आम आदमी के इर्द-गिर्द रहा.
वैसे आम आदमी की बात केवल अरविंद केजरीवाल की पार्टी ही नहीं करती. देश की सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर की पार्टियां अपना वोट बैंक को तैयार करने के लिए आम आदमी के मंत्र का जाप करती हैं. कांग्रेस का तो अपना नारा भी है ‘कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ’. अब आम आदमी के नाम से अरविंद की पार्टी बन चुकी है इसको देखते हुए उनके सामने कई ऐसी चुनौतियां हैं जिनका सामना उन्हे हर मोड़ पर करना पड़ेगा. जैसे
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