देश की सबसे बड़ी और हाई प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री अपने अंतिम अंजाम पर पहुंचती हुई दिखाई दे रही है. पुलिस के मुताबिक वह पेंच जो कुछ दिनों पहले बिखरे हुए दिखाई दे रहे थे वह धीरे-धीरे जुड़ रहे हैं. अब तक की जांच पड़ताल से यह साफ हो रहा है कि दो भाइयों के कत्लेआम में कहीं न कहीं एक बहुत बड़ी साजिश है, जिसका सबसे बड़ा सूत्रधार सुखदेव सिंह नामधारी है. वैसे इस बात का अंदाजा तो उसी दिन हो गया था जिस दिन पॉन्टी और हरदीप चड्ढा की मौत हुई थी.
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क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार, सुखदेव सिंह नामधारी समेत उसके पीएसओ सचिन त्यागी व पॉन्टी के सिक्योरिटी मैनेजर नरेंद्र से हो रही पूछताछ के बाद इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि शराब व रियल इस्टेट कारोबारी पॉन्टी चड्ढा व उनके भाई हरदीप के बीच हुए खूनी संघर्ष के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार नामधारी ही है. ऐसा माना जा रहा है कि नामधारी ने करोड़ रुपए हड़पने के लिए दोनों भाइयों के बीच विवाद को हवा दी थी.
पुलिस की मानें तो नामधारी द्वारा बुनी गई यह साजिश कुछ हद तक फिल्मी अंदाज में थी. जहां एक ऐसा दोस्त जो सबसे पहले कारोबारी दोस्त से करीबी बढ़ाता है, उसके परिवार और उसके कारोबार के बारे में कुछ सालों तक जानकारी जुटाता है, उसके बाद साजिश के तहत कुछ ऐसी परिस्थितियां पैदा करता है जिससे करोड़ो की जायदाद, जो उसके दोस्त के नाम है उसके नाम हो जाए. नामधारी ने भी पॉन्टी की संपत्ति को हड़पने के लिए एक साजिश के तहत सबसे पहले पॉन्टी से दोस्ती कायम की, अपनी पैंतरेबाजी से वह पॉन्टी का सबसे बड़ा विश्वासपात्र बना, उसके बाद पॉन्टी और हरदीप चड्ढा के बीच विवादों के शोलों को हवा दी और इसे अंतिम मुकाम तक पहुंचाया.
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फिलहाल पुलिस इस केस की बची हुई सभी कड़िया जोड़ने की कोशिश कर रही है. अभी पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है कि नामधारी ने किस साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया. पुलिस पहले ही दावा कर चुकी है कि सुखदेव सिंह नामधारी ने हरदीप चड्ढ़ा पर तीन गोलियां चलाई थीं. रही बात पॉन्टी की तो बैलेस्टिक और फॉरेंसिक रिपोर्ट से यह पता चल जाएगा कि पॉन्टी के शरीर में नामधारी की गोली थी या नहीं. उसके बाद इस दोहरे हत्याकांड की कहानी पूरी तरह पलट जाएगी.
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