पाकिस्तानी सेनाओं की बर्बरतापूर्ण करतूत सामने आई है. एक तरफ जहां भारत पाकिस्तान के लोगों के लिए वीजा में रियायत देने की बात करता है, दोनों देशों के बीच व्यापार में बढ़ावा देने के लिए बातचीत की जाती है. वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता. खबर है कि पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार को जम्मू−कश्मीर के पुंछ के मेंढर सेक्टर में दाख़िल होकर गोलीबारी की जिसमें भारत के दो सैनिक शहीद हो गए. उनमें से एक भारतीय सैनिक का सिर धड़ से अलग किया हुआ था. ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सैनिक भारतीय जवान का कटा हुआ सिर अपने साथ ले गए हैं.
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गौरतलब है कि पहले पाकिस्तानी जवानों ने कोहरे और धुंध का फायदा उठाते हुए नियंत्रण रेखा पार की और फिर भारतीय जवानों पर गोलीबारी कर दी इसके बाद भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की. इस घटना में मारे गए भारतीय सैनिकों के नाम लांस नायक हेमराज और लांस नायक सुधाकर सिंह हैं. इस घटना को लेकर भारत ने सख्त रुख अपनाया है. प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी सैनिकों की तरफ से गोलीबारी पर गृह मंत्रालय, एनएसए और सेना प्रमुख से रिपोर्ट मांगी है. सरकार ने इस मामले में पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब किया है और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक भी बुलाई जा सकती है.
पाकिस्तान ने अपने सैनिकों की इस घटना पर शर्मिंदा होने के बजाय उल्टा भारत पर ही दोष मढ़ दिया है. पाक सेना ने इस घटना पर कहा कि यह भारतीय सेना का प्रोपेगैंडा है. यह कुछ दिन पहले सीमा पर गोलीबारी में एक पाक सैनिक की मौत से ध्यान हटाने की कोशिश है.
ज्ञात हो कि पाकिस्तान ने 6 जनवरी को भी उड़ी सेक्टर में बिना किसी उकसावे के भारी गोलीबारी की थी. तब भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई पर पाकिस्तान ने आरोप मढ़ा था कि भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर हाजीपीर इलाके में उसकी चौकी पर हमला किया, जिसमें उसके एक सैनिक की मौत हो गई जबकि दूसरा घायल हो गया. पाक विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में भारत के उप-उच्चायुक्त को तलब कर आपत्ति-पत्र भी जारी किया था. भारतीय विदेश मंत्रालय प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान की ओर से लगाए गए इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था.
भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा है जो दोनों देशों के बीच विश्वास पैदा करने के कदमों के तहत महत्वपूर्ण मानी जाती है. लेकिन इसी नियंत्रण रेखा से पाकिस्तान सेना की तरफ से भारतीय चौकी पर हो रही निरंतर गोलीबारी और घुसपैठ से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही रहा. इस घटना के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह किसी भी समझौता और शांतिवार्ता के लिए लायक नहीं है.
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