एक तरफ जहां पूरा देश पाकिस्तान के खिलाफ नियंत्रण रेखा पर भारतीय जवानों का गला रेतकर हत्या करने के कारण आक्रोश में है वहीं दूसरी ओर यूपीए सरकार में जिम्मेदारी के पद पर बैठे आलाकमान के वफादार सिपहसालार सुशील कुमार शिंदे ने एक ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद पाकिस्तान में बैठे दहशतगर्दों को भारत पर बोलने का मौका मिल गया. मुंबई हमले का साजिशकर्ता और विश्व का घोषित मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान को अपने पक्ष में भुनाते हुए कहता है कि पाकिस्तानी संगठनों द्वारा आतंकवाद फैलाने के भारतीय ‘दुष्प्रचार’ की पोल अब खुल गई है.
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आतंकादियों का हौसला बढ़ा
लश्कर ए तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद ने यहां तक आरोप लगा दिया कि पाकिस्तान में सभी तरह के आतंकवाद में भारतीय संगठन शामिल हैं. विश्व भर में अशांति का प्रतीक बन चुका जमात उद् दवा की अगुवाई कर रहा सईद यहीं नहीं रुका. उसने यह बेहूदी मांग भी कर डाली कि पाकिस्तान सरकार को इस बात का प्रयास करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भारत को ‘आतंकवादी राज्य’ घोषित करे. वैसे खुद सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है.
चिंतन शिविर में यह किस तरह का चिंतन
गौरतलब है कि जयपुर के चिंतन शिविर में कांग्रेस नेता और केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भाजपा एवं आरएसएस पर आतंकवादी शिविर चलाने एवं हिंदू आतंकवाद फैलाने के आरोप लगाए थे. जिसके बाद से भाजपा के नेताओं में खलबली मच गई. पार्टी के नेताओं ने कहा कि शिंदे के बयान से हिंदू समाज का अपमान हुआ. उनकी मांग है कि शिंदे अपने पद से इस्तीफा दें तथा कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी इसके लिए माफी मांगें. भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि शिंदे के बयान से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को ऑक्सीजन मिल गयी है. उन्होंने कहा कि आपने भारत विरोधी आतंकवादी समूहों को भी मजबूती प्रदान की है.
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दुश्मनों का इरादा देश को बर्बाद करना
किसी सरकार के एक बड़े मंत्री द्वारा जब इस तरह के बयान आता है तो देश के दुश्मन ऐसे बयानों को भुनाने के फिराक में रहते हैं. उन्हें तो मौका मिलना चाहिए कि भारत की छवि को विश्वभर में कैसे तार-तार किया जाए. वह भारत को विकसित होने देना नहीं चाहते. उनके रग-रग में भारत की बर्बादी बसी हुई है. वह अपने नापाक इरादों के साथ कभी हमारे जवानों पर हमला करते हैं तो कभी आतंकवादियों को भेजकर देश को क्षति पहुंचाने की योजना बनाते हैं. लेकिन हर बार दुश्मनों के नापाक इरादों का हमारी सेना ने डटकर सामना किया है.
आतंकवादियों को सम्मान देने की परंपरा
वैसे कांग्रेस में अकेले शिंदे ही नहीं हैं जो इस तरह का भड़काऊ भाषण या बयान देते हैं. कांग्रेस का एक और चेहरा भी है जो इस तरह की बयानबाजी करने में काफी आगे है. जी हम बात कर रहे हैं दिग्विजय सिंह की. सुशील कुमार शिंदे के बयान का बचाव करते हुए दिग्विजय सिंह ने आतंकवादी हाफिज सईद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में हाफिज सईद को ‘साहब’ करके संबोधित कर दिया. दिग्विजय सिंह में आतंकवादियों को सम्मान देने की परंपरा बहुत ही पुरानी है. इससे पहले दिग्विजय ने कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ‘ओसामा जी’ कहा था.
ऐसे में जब राजनीति चमकाने के चक्कर में शिंदे और दिग्विजय सिंह जैसे नेता इस तरह का बयान देते हैं तो कहीं न कहीं तो देश के दुश्मनों को सर उठाने का मौका मिल जाता है और दूसरी तरफ देश की जनता और सेना का मनोबल गिर जाता है. शिंदे ने भले ही इस तरह का बयान देकर आलाकमान के सामने एक वफादार सिपहसालार होने का फर्ज निभाया हो लेकिन इस व्यवहार के चलते कहीं न कहीं वह अपनी पार्टी और देश की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
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