देश में आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. पार्टियों में नेता बदले जा रहे हैं और उन नेताओं पर अधिक जोर दिया जा रहा है जिनकी पार्टी में साफ-सुधरी छवि है. क्षेत्रीय पार्टियों सहित देश की राष्ट्रीय पार्टियां तक मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. विभिन्न पार्टियों द्वारा अब तक जितने भी बुरे काम किए हैं ऐसे कामों को लुभावने वादों से दूर किए जा रहे हैं. माहौल को पूरी तरह से अपने पक्ष में करने की कोशिश की जा रही है.
लेकिन एक सर्वे की मानें तो अगर आज लोकसभा का चुनाव होता है तो बाजी भारतीय जनता पार्टी मार ले जाएगी. इंडिया टुडे-नील्सन और एबीपी न्यूज-नील्सन के ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे के मुताबिक जनता इस बार कांग्रेस के लुभावने और आकर्षक वादों में नहीं पड़ने वाली है. इस बार बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए, कांग्रेस के यूपीए पर भारी पड़ेगा. इस सर्वेक्षण में एनडीए की स्थिति पहले के मुकाबले थोड़ी बेहतर जरूर होगी, लेकिन वह बहुमत के आंकड़े से काफी दूर ही रहेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार बनाने में क्षेत्रीय पार्टियों का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा.
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क्या कहता है सर्वे ?
इंडिया टुडे-नील्सन के सर्वे के मुताबिक कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की सीटें सिमटकर महज 152-162 पर आ जाएंगी. 2009 के आम चुनाव में उन्हें 259 सीटें मिली थीं. यूपीए से अलग होने वाली ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को इसमें शामिल नहीं किया गया है. तृणमूल ने 2009 के चुनाव में 19 सीटें हासिल की थीं. सर्वेक्षण के मुताबिक कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों से 7.7 फीसदी मत खिसक जाएंगे. ऐसा माना जा रहा था कि यदि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार की हार होती है तो फायदा एनडीए को ज्यादा होगा. लेकिन सर्वेक्षण की मानें तो बीजेपी में चल रही अंदरूनी खींचतान और भ्रष्टाचार के चलते बहुत ही मामूली फायदा होने वाला है. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नितिन गडकरी पर फैसले में देरी का असर लोगों की सोच पर दिखा. पोल के मुताबिक एनडीए को 27.3 फीसदी वोट शेयर के साथ 198-208 सीटें मिलेंगी. यह यूपीए के 28 फीसदी वोट शेयर से कुछ ही कम है. अन्य दलों को 178 से 188 के बीच सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
चैनल एबीपी-नील्सन के सर्वे में भी ऐसा ही दावा किया गया है कि बीजेपी यूपीए पर भारी पड़ेगी. यह सर्वे 10 से 17 जनवरी के बीच 28 शहरों में 8842 वोटर्स के बीच किया गया. एबीपी के सर्वे के मुताबिक 39 फीसदी लोग बीजेपी और उनके सहयोगियों के हाथ में सत्ता की कमान देना चाहते हैं, जबकि महज 22 फीसदी लोग ही यूपीए और उनके सहयोगियों को फिर से सत्ता सौंपने के मूड में हैं. इस तरह बीजेपी भी कांग्रेस पर भारी पड़ती दिखी. अगर आज चुनाव हुए तो 36 फीसदी जनता बीजेपी को वोट देगी, जबकि कांग्रेस महज 18 फीसदी वोट ही हासिल कर पाने में कामयाब हो पाएगी.
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इंडिया टुडे-नील्सन और चैनल एबीपी-नील्सन ने देशभर में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर भी सर्वे किया. इस सर्वे में हाल ही में गुजरात में चौथी बार मुख्यमंत्री बने बीजेपी के नरेंद्र मोदी को सबसे उपर रखा गया है. सर्वे के अनुसार नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा 36 फीसदी लोगों ने प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार माना है वहीं, राहुल गांधी 22 फीसदी वोट पाकर दूसरे सबसे पसंदीदा उम्मीदवार हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को 6 फीसद लोगों ने जबकि उन्हीं की पार्टी की नेता और लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज 5 फीसदी वोट पाकर चौथे स्थान पर हैं.
मीडिया समूह द्वारा कराए गए इस चुनावी सर्वेक्षण पर कांग्रेस के नेताओं को विश्वास नहीं है. कांग्रेस भले ही इस सर्वेक्षण को नकारती हो लेकिन उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि इसी तरह का सर्वेक्षण गुजरात विधानसभा चुनाव 2012 में कराए गए थे जहां पर नरेद्र मोदी की जीत दर्शाया गई थी. लेकिन कांग्रेस के लिए राहत की बात है कि अभी चुनाव में लगभग एक साल है. यदि उन्हें अपनी हालत में सुधार करना है तो उन्हें जल्द ही कुछ बेहतर आर्थिक और जन कल्याणकारी फैसले लेने होंगे.
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