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महिलाओं से ज्यादा तो भ्रष्टाचारियों की सुरक्षा पर होता है खर्च

vip security indiaएक अनुमान के मुताबिक भारत में एक लाख की आबादी पर 122 पुलिसकर्मी हैं अर्थात 819 लोगों की सुरक्षा पर एक पुलिस कर्मी लगाया गया है. वहीं दूसरी तरफ अगर बात करें नेताओं और वीआईपी लोगों को दी जाने वाली सुरक्षा की तो इन पर राष्ट्र कोष से भारी खर्च किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने वीआईपी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों की भारी संख्या पर सवाल उठाए हैं. न्यायालय ने कहा कि वीआईपी के बजाय अगर ये आम आदमी की सुरक्षा में लगे होते तो दिल्ली में अपराध कम होते.


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याचिकाकर्ता हरीश साल्वे ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य सरकारों ने वीआईपी सुरक्षा के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए. उनका कहना था कि यदि इस पैसे को आम आदमी को सुविधाएं देने पर खर्च किया जाये तो इससे आम आदमी का भला हो सकता है. कोर्ट ने हरीश साल्वे की याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वह बताएं कि वे अपने राज्य में किस-किस को वीआईपी सुरक्षा मुहैया करवा रहे हैं, इन पर कितना खर्च आ रहा है और इस सुरक्षा को देने के पीछे राज्यों का क्या नजरिया है? कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन जजों को सुरक्षा की जरूरत नहीं है, उन्हें भी सुरक्षा क्यों दी जा रही है.


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सरकारी दस्तावेज की मानें तो उत्तर प्रदेश सरकार करीब 1500 वीआईपी व्यक्तियों की सुरक्षा पर 120 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस सुरक्षा व्यवस्था में 2913 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है जबकि दिल्ली में 8049 पुलिसकर्मी वीआइपी सुरक्षा में लगे हैं और इन पर सालाना 341 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं.


गौरतलब है कि दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. आए दिन रेप, हत्या, छेड़छाड़ के कई मामलों से सुरक्षा पर कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. पिछले साल 16 दिसंबर की रात दिल्ली की सड़क पर चलती बस में 23 साल की लड़की के साथ गैंगरेप मामले में सुरक्षा व्यवस्था की चूक दिखाई दी.


भारत में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर आम जनता को धोखा दिया जा रहा है. एक तरफ जेड-प्लस सुरक्षा प्राप्त नेताओं की हिफाजत के लिए करीब 36 जवान एक साथ तैनात किए जाते हैं वहीं दूसरी तरफ आम जनता को सुरक्षा के नाम पर केवल वादे किए जाते हैं. इस समय देश में करीब 34-35 फीसदी पुलिसकर्मी किसी न किसी रूप में अति विशिष्ट लोगों यानि वीवीआईपी की सुरक्षा में लगे हैं.


हैरानी की बात तो यह हैं कि जिन नेताओं को जेड-प्लस सुरक्षा दी गई है उनके उपर गंभीर आरोप हैं. वह या तो किसी बड़े भ्रष्टाचार में लिप्त हैं या उनका नाम किसी अपराध में शामिल है. वीवीआईपी सुरक्षा घेरा केवल नेताओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें नौकरशाह, न्यायाधीश, खिलाड़ी और अभिनेता भी शामिल हैं.


Tag: supreme court, delhi police, delhi gangrape, safety for women, crime against women, vip security, वीआईपी, सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट.


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