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सौदा पाने के लिए दलालों ने बुना जाल

s p tyagiभारत के हथियार और अन्य दूसरों उपकरणों के बाजारों पर विदेशी कंपनियों की कैसी नजरें हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ये कंपनियां भारत के रक्षा क्षेत्र से सौदा करने के लिए लड़कियों का भी इस्तेमाल करते थे. इटली की जांच एजेंसी ने सौदे के लिए बिचौलिये के बीच बातचीत का ब्यौरा इटली के कोर्ट में पेश किया है. इसी बातचीत के जरिए पता चला है कि तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एस. पी. त्यागी तक पहुंच बनाने के लिए पैसे के साथ-साथ लड़कियों का भी इस्तेमाल किया गया था.


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इटली के जांचकर्ताओं ने यह पाया है कि एस. पी. त्यागी तक पहुंचने के लिए दलालों ने इसी लड़की के जरिए त्यागी के रिश्तेदारों से संपर्क साधा खासकर जूली त्यागी से, जिसे इस मामले में रकम दिए जाने का दावा किया जा रहा है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, डील के लिए त्यागी परिवार से समझौता हुआ था लेकिन रकम जूली त्यागी को सौंपी गई थी. त्यागी परिवार के सदस्यों और अगस्ता-वेस्टलैंड के बिचौलियों के बीच दोस्ती की शुरुआत सन् 2001 में हुई थी, जब एक बिचौलिया इटली में एक शादी में जूली से मिला था. 2000-01 में ही भारतीय वायुसेना ने अतिविशिष्ट लोगों के लिए वीआईपी हेलिकॉप्टर की मांग रखी थी.


कौन है जूली त्यागी

नाम से पता चलता है कि जूली त्यागी एक महिला है लेकिन आपको हैरानी होगी कि दिल्ली के हाई प्रोफाइल कारोबारी जूली त्यागी का असली नाम संजीव कुमार त्यागी है. उसका सैनिक फॉर्म और फिरोज शाह कोटला रोड पर आलीशान घर है. बड़े भाई का नाम जॉली त्यागी है. दोनों पूर्व एयर चीफ एस पी त्यागी के रिश्तेदार हैं.


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त्यागी को मिली रिश्वत

जांच रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में दलाल का दावा है कि वह त्यागी के एयर चीफ मार्शल रहते उनसे 6 से 7 बार मिला था. यह त्यागी के उस दावे के बिल्कुल उलट है, जिसमें उन्होंने माना था कि उनकी मुलाकात उस व्यक्ति से एक बार हुई थी, जिसे इस सौदे में दलाल बताया जा रहा है. त्यागी पर 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे में रिश्वत लेने का आरोप है.

इटली के जांचकर्ताओं ने त्यागी के रिश्तेदारों जूली, डोस्का और संदीप की पहचान उन मध्यस्थों के रूप में की है, जिन्होंने फिनमेकेनिका को 3600 करोड़ रुपये की हेलिकॉप्टर डील दिलाने में मदद की. अगस्ता-वेस्टलैंड फिनमेकेनिका ग्रूप की यूनिट है. जांचकर्ताओं का कहना है कि त्यागी परिवार को करीब 70 लाख रुपये की रिश्वत दी गई. दलाली की बाकी रकम आईडीएस इंडिया नामक कंपनी ने सर्विस कॉन्ट्रैक्ट के जरिए संबंधित लोगों तक पहुंचाए.


फिनमेकेनिका ग्रुप कैसी कंपनी है

फिनमेकेनिका ग्रुप के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर वैसे विमान हैं, जिन्हें भारत सरकार वीवीआईपी लोगों के आने जाने में उपयोग के लिए खरीद रही है. ये बेहद उम्दा हेलीकॉप्टर हैं. इसमें दो की बजाए तीन इंजन होते हैं. इसकी क्षमता और इसका रेंज बहुत बेहतर है.

जांच रिपोर्ट की मानें तो हेलीकॉप्टर डील करने के लिए फिनमेकेनिका ग्रुप के दलालों ने वह हर काम किया जिससे किसी भी तरह से यह डील उनके हाथ से न जाए. कंपनी ने इस डील को पक्का करने के लिए पहुंच और पहचान का खास तौर पर इस्तेमाल किया. सौदों में दलाली को इस तरह से रचा-बुना गया अगर कोई चाहे भी तो भी इससे बाहर न निकल पाए.


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