पूर्व विमान परिचारिका गीतिका शर्मा की आत्महत्या का रहस्य अभी पूरी तरह से सुलझा नहीं कि मामले ने एक और तूल पकड़ा है. गीतिका शर्मा की मां अनुराधा शर्मा जो पिछले कई दिनों से अपनी बेटी की मौत से परेशान थीं, ने शुक्रवार शाम अपने घर में खुद को फांसी लगाकर जान दे दी. बताया जा रहा है कि अनुराधा शर्मा ने उसी फ्लैट के उसी कमरे में जान दी है जिसमें पिछले साल 4 अगस्त की रात को उनकी बेटी गीतिका ने पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली थी.
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इस घटना के बाद गोपाल कांडा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का एक और मामला दर्ज किया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि अनुराधा ने दो पेज का सूइसाइड नोट लिखा है जिसमें उन्होंने अपनी मौत का कारण एमडीएलआर एयरलाइंस के मालिक गोपाल गोयल कांडा और उनकी कंपनी में कभी एचआर मैनेजर के रूप में काम करने वाली अरुणा चड्ढा को बताया है.
गोपाल कांडा पर पहले से ही गीतिका को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है. गीतिका ने भी सुसाइड नोट में लिखा था कि गोपाल कांडा और एमडीएलआर में प्रबंधन का कार्य संभालने वाली अरुणा चड्ढा ने उसे इस कदर प्रताड़ित किया कि वह मौत को गले लगाने के लिए विवश हो गई.
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इस पूरे मामले में एक ऐसे व्यक्ति का प्रभाव दिख रहा है जो सलाखों के पीछे रहकर भी कानून को अपनी अंगुलियों पर नचा रहा है. गोपाल कांडा हरियाणा का पूर्व गृह राज्य मंत्री था और एक बहुत ही बड़ा अय्याश किस्म का व्यवसायी. भले ही पूरे देश में कांडा को एक अपराधी माना जा रहा लेकिन उसके गृह राज्य में अभी उसे महान समाजसेवी के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. राज्य हो या केद्र सियासत पर इसकी इस कदर पकड़ है इसके राजनीतिक विरोधी इसका गुणगान करते हैं. पिछले दिनों हरियाणा के श्रम एवं रोजगार मंत्री शर्मा ने यह भी कहा कि जिस मामले में कांडा को आरोपी बनाया गया है वह मामला इतना बड़ा भी नहीं है.
इसमें कोई शक नहीं है कि अनुराधा शर्मा की मौत के पीछे गोपाल कांडा का हाथ है. यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस देश में सियासत से जुड़े अपराधी अपने अपराध को छुपाने के लिए कई तरह के राजनीतिक दांव खेलते हैं और लोग मूक बनकर ताउम्र उसको सजा होने का इंतजार करते हैं. इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि इस देश में मनी और मसल पावर राजनेताओं के लिए कितना अहम हो चुका है.
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