Menu
blogid : 314 postid : 2323

यह हैं यूपी के दबंग !!

Raja Bhaiyaउत्तर पदेश के सबसे विवादित चेहरे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया Raja Bhaiya Criminal in Hindi के बारे में ऐसा माना जाता है कि हत्या और अपहरण इनके लिए बहुत ही मामूली चीज है. राजा भैया और उनके लोगों पर चल रहे तमाम आपराधिक मामले इस बात के सबूत हैं कि इस बाहुबली का नाता किस कदर अपराध से है.


उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के हथिगवां इलाके में शनिवार को पुलिस उपाधीक्षक [डीएसपी] जियाउल हक की हत्या में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजा भैया के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई. इसमें राजा भैया के तीन करीबियों को हत्या का मुख्य आरोपी बनाया गया है. वर्तमान में समाजवादी पार्टी की सरकार में खाद्य और आपूर्ति मंत्री रहे राजा भैया ने फिलहाल अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.


Read:व्यक्तिगत अहम ने टेनिस का किया बेड़ागर्क


राजा भैया का इतिहास बताता है कि उनका जीवन राजनीति, अपराध और भ्रष्टाचार का ऐसा गंदा गठजोड़ है कि इस पर आवाज उठाने वाले किसी भी व्यक्ति की हालत जियाउल हक की तरह कर दी जाती है. राजा भैया वर्तमान में कुंडा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं. उनकी दबंगई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तमाम तरह के आपराधिक रिकॉर्ड रहने के बावजूद वह लगातार पांच बार कुंडा से विधानसभा चुनाव जीतते आए हैं.


राजा भैया का जीवन

अपराधों से नाता रखने वाले राजा भैया का जन्म 1969 में राजा उदय प्रताप सिंह के घर हुआ. इनके दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह पंत नगर कृषि विश्वविद्यालय के उपकुलपति थे. बाद में वह हिमाचल प्रदेश के दूसरे गवर्नर बने. राजा भैया अपने परिवार से पहले सदस्य हैं जिन्होंने राजनीति को अपनाया. राजा भैया कानून में स्नानक हैं.


Read:इनकी हंसी में ही सच का आइना छुपा होता था


राजा भैया और आपराधिक विवाद

1. राजा भैया ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पहली बार 1993 में कुंडा विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी. खोजबीन से पता चला है कि अगर 2012 में राजा भैया 38 साल के थे तो 1993 में उनकी उम्र 19 साल रही होगी. जबकि भारतीय संविधान के मुताबिक 25 वर्ष से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति लोकसभा और विधानसभा सीट के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता.

2. साल 2002 में भारतीय जनता पार्टी के बागी विधायक पूरन सिंह बुंदेला ने राजा भैया पर अपहरण और धमकाने का आरोप लगाया था जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के आदेश पर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

3. मायावती सरकार ने राजा भैया को आतंकवादी घोषित कर रखा था, जिसमें पोटा के तहत उनके साथ-साथ उनके पिता उदय प्रताप सिंह व चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को जेल भेज दिया गया.

4. उत्तर प्रदेश गैंगेस्टर ऐक्ट के तहत भी उनके खिलाफ मामला चल रहा है. दिसंबर 2010 में इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था.

5. मौजूदा राज्य सरकार में वे खाद्य और रसद मंत्री रहे. उनके ऊपर जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए पैसे बनाने के आरोप भी हैं.


अपराध की बड़ी सूची होने के बावजूद जब पिछले साल अखिलेश सरकार में राजा भैया को मंत्री बनाया गया तो हर तरफ से विरोध की आवाज उठने लगी. लेकिन कहते हैं कि जो स्वयं अपराध के दलदल में धंसा हुआ है उसे दूसरों का अपराध कैसे नजर आएगा.


Read:

मोदी अब मुसलमानों के लिए चुभते हुए कांटे नहीं हैं !

मंत्री बनाने के लिए आखिर अखिलेश को अपराधी ही क्यों मिलते हैं?


Tag: Akhilesh Yadav government, Pratapgarh, Raghuraj Pratap Singh, Raja Bhaiya, राजा भैया, रघुराज प्रताप सिंह.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh