2014 के चुनावी समर में कूदने के लिए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपनी नई टीम का गठन कर दिया है. यही टीम केंद्र में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के लिए रास्ता बनाएगी. राजनाथ की टीम में शामिल करने को लेकर जिस व्यक्ति की सबसे ज्यादा चर्चा थी वह गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.
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62 वर्षीय मोदी भाजपा शासित किसी राज्य के एकमात्र मौजूदा मुख्यमंत्री हैं जिन्हें पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने संसदीय बोर्ड में जगह दी है. वैसे यह भी चर्चा थी कि लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज जैसे नेता ये चाहते थे कि मोदी के साथ साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी संसदीय बोर्ड में लाया जाए.
वैसे यह पहले से ही तय था कि नरेंद्र मोदी बीजेपी के संसदीय बोर्ड में शामिल होंगे. इसके पीछे मुख्य वजह थी उनकी लगातार बढ़ती लोकप्रियता. मोदी ने पिछले कुछ सालों से अपने आप को एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित किया जिसका संबंध गुजरात के विकास से है. उनकी छवि एक ऐसे नेता के रूप में है जो अपने भाषणों से केंद्र की सत्ता को भी हिला देता है. वह भाजपा में एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्हें मीडिया भरपूर कवरेज देती है. यही वजह है कि आज वह भाजपा के संसदीय बोर्ड में शामिल हैं.
नरेंद्र मोदी के अलावा जिन लोगों को राजनाथ की टीम में शामिल किया गया है उनमें दो साल पहले भाजपा में वापसी करने वाली उमा भारती की राष्ट्रीय टीम में भी वापसी हुई है, जबकि वरुण गांधी, अमित शाह, राजीव प्रताप रूड़ी व मुरलीधर राव महासचिवों की टीम के नए चेहरे बने हैं. भाजपा के ये ऐसे चेहरे हैं जिनको लेकर यह माना जाता है कि यह नेता मतदाताओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब रहेंगे.
वैसे इनमें से कुछ ऐसे भी चेहरे हैं जिनके खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है या फिर कोर्ट ने छुट्टी दे दी है. सचिव बनाए गए अमित शाह गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद ही करीबी माने जाते हैं. उनके खिलाफ हत्या, फिरौती के बेहद संगीन मामले अदालत में चल रहे हैं. उनके ऊपर सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ की साजिश रचने का भी आरोप है. जबकि वरुण गांधी पर आरोप था कि उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र पीलीभीत में साल 2009 में सात और आठ मार्च को दिए चुनावी भाषणों में एक धार्मिक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बातें कहीं थीं हालांकि कोर्ट ने इस मामले में उन्हें बरी कर दिया था.
वैसे लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजनाथ ने जो टीम बनाई है उसको लेकर कई नेताओं की नाराजगी भी है. नितिन गडकरी के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाने वाले यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और राम जेठमलानी राजनाथ की टीम से गायब हैं. माना यह जा रहा है कि इसके पीछे की मुख्य वजह थी इन नेताओं का बागी तेवर.
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कुछ इस तरह का है भारतीय जनता पार्टी का संगठन
अध्यक्ष: राजनाथ सिंह
भारतीय जनता पार्टी का संसदीय बोर्ड: राजनाथ सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, रामलाल, अनंत कुमार, थावर चंद गहलोत और नरेंद्र मोदी.
बीजेपी के महासचिव: रामलाल, अनंत कुमार, थावर चंद गहलोत, राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा, तापिर गाव, अमित शाह, वरुण गांधी, मुरलीधर राव, राजीव प्रताप रूडी और धर्मेंद्र प्रधान.
बीजेपी के उपाध्यक्ष: किरण माहेश्वरी, स्मृति ईरानी, सदानंद गौड़ा, मुख्तार अब्बास नकवी, डॉ. सीपी ठाकुर, जुएल उरांव, एस.एस. अहलूवालिया, बलबीर पुंज, सतपाल मलिक, प्रभात झा, उमा भारती, बिजॉय चक्रवर्ती, लक्ष्मीकांत चावला.
बीजेपी में सचिव: विनोद पांडेय, त्रिवेंद्र रावत, रामेश्वर चौरसिया, श्याम जाजू, भूपेंद्र यादव, कृष्णा दास, अनिल जैन, आरती मेहरा, रेणु कुशवाहा, सुधा यादव, सुधा मलैया, पूनम महाजन, लुईस मरांडी, डॉ. तमिल एसाई, वाणी त्रिपाठी.
बीजेपी पार्टी प्रवक्ता: प्रकाश जावड़ेकर, सैयद शाहनवाज हुसैन, निर्मला सीतारमन, विजयशंकर शास्त्री, डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, मीनाक्षी लेखी, कैप्टन अभिमन्यु.
केंद्रीय चुनाव समिति: राजनाथ सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, एम वैकेया नायडू, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी, थावर चंद्र गहलोत, राम लाल, गोपीनाथ मुंडे, जुआल ओरन, शाहनवाज हुसैन, विनय कटियार, जे पी नड्डा, डॉ- हषर्वर्धन और सुश्री सरोज पांडे.
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