आम से दिखने वाले ‘आम आदमी पार्टी’ के नेता अरविंद केजरीवाल लगता है अपने 14 दिन तक के अनशन में अपनी बात लोगों के बीच पहुंचाने में कामयाब हो गए हैं. तभी तो ऐसी खबरें आ रही हैं कि शनिवार यानि अनशन के 15वें दिन अपने उपवास तोड़ेंगे. केजरीवाल ने कहा कि अन्ना ने उन्हें उपवास तोड़ने के लिए पत्र लिखा है. इससे पहले भी अन्ना ने केजरीवाल से अनशन तोड़ने के लिए कहा था.
महात्मा गांधी से प्रेरित आंदोलन
अरविंद केजरीवाल ने अपने आंदोलन को महात्मा गांधी जी से प्रेरित बताते हुए कहा कि 6 अप्रैल, 1930 को गांधी जी ने नमक आंदोलन किया था. इसलिए उन्होंने कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि जिन-जिन के बिजली कनेक्शन कटे हैं वह जोड़े जाएंगे. उन्होंने कहा कि कल से आंदोलन के दूसरे चरण की भी शुरुआत होगी.
केजरीवाल की राजनीति
आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी (एएपी) के संयोजक अरविंद केजरीवाल इस अनशन के जरिए अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने इसकी शुरुआत पूर्वी दिल्ली के सुंदरनगरी इलाके में अनशन पर बैठ कर की. इसके लिए उन्होंने बिजली और पानी जैसे गंभीर मुद्दे को चुना जो करोड़ों मध्यवर्गीय लोगों को प्रभावित करती है. अपने इस आंदोलन के जरिए केजरीवाल ने दिल्ली की जनता का आह्वान किया कि जिन लोगों के बिजली या पानी कनेक्शन काट दिए गए हैं या फिर बिल ज्यादा आ गया है या समुचित आपूर्ति नहीं मिल रही है, घरों से बाहर निकलें और शीला सरकार के खिलाफ आवाज उठाएं.
केजरीवाल की तबियत
अनशन पर बैठे केजरीवाल की तबीयत खराब है हालांकि उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. शुक्रवार को केजरीवाल की बिगड़ी हुई तबीयत के मद्देनजर सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया. गुरुवार को केजरीवाल से मिलने उनके माता-पिता भी पहुंचे थे.
अनशन से क्या फायदा हुआ
अरविंद केजरीवाल के 14 दिन के अनशन में अब तक जनसमर्थन के रूप में केजरीवाल को 10 लाख 52 हजार लोगों का समर्थन मिल चुका है. अभी भी लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंच रहे हैं. इस तरह से वह अब तक दिल्ली के हर कोने में अपनी पार्टी की पहुंच बना लेने में कुछ हद कामयाब भी हो चुके हैं. केजरीवाल ने अपने इस अनशन से विरोधियों को भी अपनी ताकत का अहसास करा दिया है. अब देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव से कुछ माह पहले केजरीवाल का यह अनशन मतदाताओं को कितना रिझा पाता है.
Read:
Read Comments