बड़ा ही अफसोस होता है जब एक लोकप्रिय नेता अपनी सत्ता और पावर का इस कदर इस्तेमाल करता है कि वह भूल जाता है कि जो वह कर या फिर कह रहा है उसे आने वाले समय में कितना भारी नुकसान पहुंचा सकता है. भारत में ऐसे कई राजनेता हैं जो अपनी असंवेदनशील टिप्पणियों की वजह से चर्चा में रहते हैं. इन्हीं नेताओं में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी शामिल हैं.’
Read: सिंचाई के पानी को डकार गए अजीत पवार !!
बीते शनिवार की रात अजित पवार ने एक ऐसा बयान दिया जिससे आमजन की भावनाओं को भारी धक्का लगा है. उन्होंने एक जनसभा में मुंबई के आजाद मैदान में सूखा पीड़ित किसान के अनशन करने का मजाक उड़ाया. उन्होंने कहा कि ‘यदि बांध में पानी नहीं हैतो क्या हमें उसमें पेशाब करना चाहिए’. अजित पवार पुणे जिले के इंदापुर तहसील के दूर के एक गांव में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. अजीत इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने राज्य में बिजली की किल्लत पर भी विवादास्पद बयान दिया. बिजली कटौती पर उन्होंने कहा कि “मैंने गौर किया है कि जब से रात में बत्तियां गुल हो रही हैं बच्चे अधिक पैदा हो रहे हैं. तब करने को और कोई काम नहीं रह जाता.”
आपको बता दें महाराष्ट्र इस समय सूखे की चपेट में है. 1972 के बाद यह यह पहला मौका है जब महाराष्ट्र को जबरदस्त सूखे का सामना करना पड़ रहा है. करीब आधा महाराष्ट्र बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है. लोग पानी की किल्लत से इस कदर दोचार हो रहे हैं कि अब तो वह गंदा पानी भी इस्तेमाल करने को मजबूर हैं. गंदे पानी से लोगों की सेहत बिगाड़ रही है. पानी की किल्लत से जो जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं उसमे शोलापुर, सांगली, पुणे, सातारा, बीड, नासिक, कोल्हापुर और अहमदनगर शामिल हैं.
Read:अस्त हो रहे हैं ये सीनियर खिलाड़ी
राकांपा सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री शरद पवार के भतीजे अजित पवार द्वारा दिए गए इस असंवेदनशील बयान के बाद हर तरफ से इनकी आलोचना की जा रही है. शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और भाजपा नेता विनोद तावडे ने पवार की इन टिप्पणियों की तीव्र भर्त्सना की है. राज ठाकरे ने अजीत पवार की आलोचना करते हुए कहा कि अगले चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाएगी. उधर भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने इस टिप्पणी पर कहा कि उन्हें लगता है कि अजित पवार अपना संतुलन खो चुके हैं. हालांकि सोमवार को महाराष्ट्र की विधानसभा में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने विवादित बयान पर माफी मांग ली.
आपको बता दें कि इससे पहले भी अजीत पवार 70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले के आरोप के चलते चर्चा में रह चुके हैं. इसके चलते उन्हें पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था. पिछले दिनों इसी मामले में सरकार के श्वेत पत्र में क्लीन चिट दिए जाने के एक सप्ताह बाद राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. अजीत पवार के सिंचाई घोटाले और इस बयान से यह साफ है कि वह महाराष्ट्र में शुरू से ही उन किसानों के मुद्दे पर असंवेदशील रहे हैं जिन्होंने सूखे के कारण अपने जीवन को मौत के गले लगा लिया.
Read Comments