जजों के निलंबन और उन्हें नजरबंद करने के मामले में शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को कोर्ट में पेश किया गया. मजिस्ट्रेट ने उन्हें दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेजे जाने का आदेश दिया है. पूर्व राष्ट्रपति के वकीलों ने दलील दी थी कि जेल में उनकी जान को खतरा हो सकता है लिहाजा उनके फार्म हाउस को ही जेल में तब्दील कर दिया जाए.
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इस्लामाबाद कोर्ट ने गुरुवार को मुशर्रफ की जमानत याचिका खारिज करते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. आदेश की जानकारी होते ही मुशर्रफ कोर्ट से फरार हो गए और अपने घर में वकीलों से राय मशविरा किया. इस बीच देर शाम उनको उनके गेस्ट हाउस में ही नजरबंद कर दिया गया. शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के दौरान वकीलों ने पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कोर्ट ने इस मामले में फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है.
इस बीच उनकी पार्टी ऑल पार्टी मुस्लिम लीग ने कहा है कि शुक्रवार को इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला लेगा उसका पालन किया जाएगा. मुशर्रफ ने कल कहा था कि यदि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में उनके खिलाफ फैसला सुनाता है तो वह वहां पर आत्मसमर्पण कर देंगे. गौरतलब है कि परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद वहां पर आपातकाल लागू किया था और सभी जजों को निलंबित कर उन्हें नजरबंद तक कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट के एक वकील ने मामला दर्ज कराया था.
साभार जागरण
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परवेज मुशर्रफ.
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