संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को क्लीन चिट देने का मामला गहराता जा रहा है. इस मामले में गैर-कांग्रेसी दलों के सांसदों ने मीरा कुमार से मिलकर 2-जी पर बनी जेपीसी के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाने की मांग की. इनमें जेपीसी के कुल 30 सदस्यों में से भाजपा, जदयू, तृणमूल, वाम दलों, अन्नाद्रमुक और बीजद के 15 सदस्य चाको को उनके पद से हटाए जाने के पक्ष में हैं.
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गौरतलब है पिछले दिनों जेपीसी ने 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को क्लीन चिट दी थी और कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा ने ‘गुमराह’ किया था. जेपीसी ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा को स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के लिए दोषी ठहराया.
अटल बिहारी वाजपेयी पर आरोप
इस रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम आने से भाजपा ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी. इस मुद्दे पर बुधवार को संसद में हुए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करना पड़ी थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस रिपोर्ट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की छवि खराब करने का प्रयास किया गया है. हालाकि पी सी चाको ने कहा कि हम अटल बिहारी वाजपेयी का बहुत सम्मान करते हैं. न तो मैंने कभी अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लिया और न ही इस रिपोर्ट में कहीं वाजपेयी का नाम उल्लेखित किया गया है.
कौन हैं पीसी चाको
केरल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले पीसी चाको का जन्म केरल के कोट्टायम जिले में हुआ. चाको केरला स्टूडेंट यूनियन के जरिए राजनीति में सक्रिय हुए. सन 1980 में वह पहली बार पिरावम से केरल विधानसभा के लिए चुने गए और ई. के. नायर की सरकार में मंत्री बनाए गए. वर्तमान में वह 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं. 66 साल के चाको ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के आधिकारिक प्रवक्ता हैं.
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