भारतीय रेलवे ने दलालों पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए टिकटों के आरक्षण की अग्रिम बुकिंग की अवधि को 120 दिनों (4 महीने) से घटाकर 60 दिन (दो महीने) करने का निर्णय किया है. इसका मतलब यह हुआ कि आप अगर कहीं जाने की योजना बना रहे हैं तो दो महीने के अंदर ही रिजर्वेशन करवाना होगा. नई व्यवस्था आने वाले 1 मई से लागू होगी.
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रेल मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, यह फैसला उन लोगों पर लागू नहीं होगा, जिन्होंने 120 दिन के हिसाब से टिकट खरीदे हैं. इसके अलावा विदेशी पर्यटकों के लिए नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वह पहले की तरह ही एक साल पहले अपनी बुकिंग करा सकेंगे. रेलवे मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया है जिन लोगों ने 120 दिन की अवधि के हिसाब से अपना एडवांस रिजर्वेशन कराया है और वे अब उसे रद्द कराना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने की छूट दी जाएगी.
आपको बता दें रेलवे ने यह निर्णय टिकटों में हो रही कालाबजारी को ध्यान में रखकर लिया है. ऐसी खबरें आ रही थीं कि बुकिंग की अवधि 120 दिन होने की वजह से दलालों को थोक में टिकटें बुक कराने का मौका मिल जाता था जिससे जरूरतमंद लोगों को टिकट नसीब नहीं हो पा रहा था. रेलवे को ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि दलाल काफी पहले बड़ी संख्या में टिकटें बुक करा लेते हैं.
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रेलवे ने इससे पहले भी दलालों की कालाबजारी पर लगाम लगाने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं. इससे पहले तत्काल टिकट में दलालों की भूमिका को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच भारतीय रेलवे ने टिकटों का आरक्षण सुबह आठ बजे की जगह 10 बजे से शुरू करने की घोषणा की जिसमें 12 बजे तक टिकट लिए जा सकते हैं. इसके तहत किसी अधिकृत एजेंट को पहले दो घंटे में टिकट बुक कराने की अनुमति नहीं होती है.
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