कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने जब भारतीय जनता पार्टी के साथ चार दशक पुराना रिश्ता तोड़कर अपनी नई पार्टी ‘कर्नाटक जनता पक्ष’ बनाई तभी से राजनीति गलियारों में खबरें आने लगीं कि आने वाले दिन मुश्किल भरे रहेंगे. कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा की मजबूती को देखते हुए यह माना जा रहा है कि बीजेपी को इसका काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. एक्जिट पोल की मानें तो कांग्रेस करीब 10 साल बाद फिर से राज्य में सत्ता पर काबिज होती दिख रही है.
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कर्नाटक में 14वें विधानसभा चुनाव (Karnataka Election 2013) के लिए रविवार को 223 सीटों पर मत डाले गए. इस चुनावों में करीब 70 फीसदी वोटिंग हुई है. माना जा रहा है कि इस चुनाव में करीब 5 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. वोटों की गिनती 8 मई को होगी. चुनाव के बाद हुए एक्जिट पोल (Exit Polls) में कर्नाटक से भाजपा का सूपड़ा साफ होता दिख रहा है जबकि केंद्र में तमाम आलोचनाओं के बावजूद कांग्रेस सरकार बना रही हैं.
हेडलाइंस टूडे-सीवोटर
इंडिया टूडे समूह के अंग्रेजी समाचार चैनल हेडलाइंस टूडे-सीवोटर सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि कांग्रेस को 114, बीजेपी को 55, जेडीएस को 34 और येदियुरप्पा की कर्नाटक जनता पार्टी को 11 सीटें मिलने संभावना है.
सीएनएन-आईबीएन
उसी तरह समाचार चैनल सीएनएन-आईबीएन के अनुसार कांग्रेस को 110 से 116 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि बीजेपी को 43 से 53 सीटें मिल सकती हैं. चैनल का मानना है कि एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस को भी 43 से 53 सीटें मिलने की संभावना है जबकि अन्य पार्टियों को 16-24 सीटें मिलने की संभावना है.
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टीवी 9 और सीवोटर एग्जिट
टीवी 9 और सीवोटर एग्जिट पोल के अन्य सर्वे में भी यह पाया गया है कि इस कांग्रेस सत्ता पर काबिज होगी. 223 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस को 110 से 118 सीटें मिल बार सकती हैं. जबकि बीजेपी को 51 से 59 सीटों से ही संतुष्ट रहना पड़ेगा. जेडीएस को 31 से 37 सीटें मिल सकती हैं जबकि केजीपी को 9 से 13 सीटें मिलने की बात कही गई है.
भाजपा की किरकिरी
वैसे एग्जिट पोल से पहले भी जानकार यह मानते रहे हैं कि कर्नाटक में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के प्रति से लोगों का मोहभंग हुआ है. राज्य में पांच साल के शासनकाल में तीन मुख्यमंत्रियों को बदलने और नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप से भाजपा की काफी किरकिरी हुई थी.
भाजपा का जातिगत समीकरण
भाजपा ने जिन जातिगत समीकरणों को ठीक से साधकर 2008 में कर्नाटक की सत्ता हासिल की थी वह समीकरण बीएस येदियुरप्पा के अलग हटने से बिखरती हुए दिखाई दे रहे हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक यहां येदियुरप्पा सरकार तो नहीं बना रहे लेकिन भाजपा के वोटबैंक पर पूरी तरह से सेंध लगाते हुए जरूर दिख रहे हैं. अगर फिलहाल की बात की जाए तो कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी के 110 विधायक हैं जो कि बहुमत से तीन कम हैं. पार्टी पांच निर्दलीय उम्मीदवारों के बल पर राज्य में सरकार चला रही थी जिन्हें मंत्रालय में शामिल किया गया था. कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 28 सीटें हैं.
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