एक ऑनलाइन पत्रिका कोबरा पोस्ट द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में बैंकों द्वारा ‘मनी लॉंड्रिंग’ (अवैध धन को वैध बनाना) शामिल होने का खुलासा हुआ है. इसमें न केवल प्राइवेट बैंक बल्कि एसबीआई और एलआईसी जैसे सरकारी बैंक भी शामिल पाए गए. गौरतलब है कि इससे पहले भी मार्च 2013 में कोबरा पोस्ट ने तीन प्रमुख प्राइवेट बैंक एचडीएफसी, आईसीआई और ऐक्सिस बैंक के इसमें शामिल होने का खुलासा किया था. वित्त मंत्री ने इस पर बैंकों से जवाब-तलब भी किया था. आरबीआई ने भी इन बैंकों से इस पर रिपोर्ट मांगी थी पर इसके बाद बात आई-गई हो गई.
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सोमवार (7 मार्च) को कोबरा पोस्ट ने फिर से यह खुलासा किया कि उपर्युक्त तीन प्रमुख प्राइवेट बैंकों के अलावे 20 और बैंक भी शामिल हैं जिनमें प्राइवेट के साथ ही सरकारी बैंक भी शामिल पाए गए. कोबरा पोस्ट ने अपने स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया है जिसमें उसके द्वारा बैंकों से इस संबंध में बात करने की पूरी रिकॉर्डिंग है. गौरतलब है कि मैगजीन के सोर्स ने बैंक कर्मचारियों से किसी नेता का संबंधी बनकर बात किया और अपने काले धन को किसी तरह सफेद बनाने में मदद मांगी जिसे बैंकों ने न केवल स्वीकार किया बल्कि उन्होंने बिना नाम के अकाउंट खुलवाने की सलाह भी दी. उन्होंने इंश्योरेंस में निवेश करने की भी सलाह दी. यहां यह उल्लेखनीय है कि सरकारी तथा प्राइवेट बैंकों को भी आरबीआई द्वारा निर्धारित ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी या नो योर कस्टमर) नियम का पालन करना आवश्यक है. इस नियम के अनुसार किसी भी बैंक को नया अकाउंट खुलवाने के लिए ग्राहक का पासपोर्ट, पैन कार्ड आदि पहचान पत्र जमा करवाना आवश्यक है. इस मनी लॉंड्रिंग में शामिल होते हुए बैंकों ने आरबीआई द्वारा लागू इस नियम का पालन किया.
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आरबीआई के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि कोबरा पोस्ट के हवाले से संबंधित बैंकों को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है. बैंकों द्वारा केवाईसी का नियम पालन न करने के संबंध में आरबीआई कार्रवाई करेगी.
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