आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए देश के कई राज्यों में इस समय रैलियों और यात्राओं का दौर चल रहा है. एक तरफ जहां राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गलहोत के सुशासन के खिलाफ पूरे राज्यभर में यात्राएं कर रही हैं तो वहीं कभी केंद्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले लालू प्रसाद यादव भी सत्ता में दोबारा वापसी के लिए बिहार प्रदेश में नीतीश सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं.
राजनीति में बिलकुल हाशिए पर जा चुके राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एक बार फिर अपने लाव-लश्कर के साथ मैदान में उतर आए हैं. मौका है परिवर्तन रैली का जिसे आज पटना के गांधी मैदान पर आयोजित किया गया. खबर है कि कड़ी धूप के बावजूद सुबह से ही गांधी मैदान में रैली में शामिल होने वाले समर्थकों और लोगों का तांता लगा हुआ था. भीड़ को संबोधित करने के लिए आरजेडी प्रमुख लालू यादव अपनी पत्नी राबड़ी देवी और दोनों बेटे तेजप्रताप तथा तेजस्वी के साथ रैली में मौजूद थे.
मैदान में भारी भीड़ को देख पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव इतने गदगद हो गए कि बिहार में नीतीश सरकार की उल्टी गिनती शुरू होने का दावा भी कर दिया. गौरतलब है कि लालू की परिवर्तन रैली को सफल बनाने के लिए कुल 13 ट्रेनें बुक की गयी हैं, जिसके लिए 1.11 करोड रूपये की राशि का भुगतान किया गया है.
वैसे तो यह परिवर्तन रैली नीतीश प्रशासन के खिलाफ था लेकिन उससे भी अधिक इस रैली की चर्चा इस बात को लेकर थी कि लालू अपने बेटे को लांच करने वाले हैं. इस चीज को लेकर आरजेडी के कार्यकर्ताओं में भी उत्सुकता थी. बहरहाल यह देखने वाली बात है इस परिवर्तन रैली से लालू प्रसाद यादव को आने वाले चुनाव में कितना फायदा होता है. क्या उनके दोनों बेटे तरुण और तेजस्वी पिता के विरासत को आगे ले जाने में कामयाब होंगे या आरजेडी के भविष्य को अधर में लटकाकर छोड़ेंगे.
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