लोकसभा चुनाव करीब आता देख राजनीतिक पार्टियां अपनी जमीनी हकीकत को पहचाने में लगी हैं. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संसदीय दल की बैठक में आगामी चुनाव को देखते हुए अपनी स्थिति की समीक्षा कर रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस और उनके युवराज राहुल गांधी भी अपनी नई टीम को और अधिक तराशने में लगे हुए हैं. लेकिन सर्वे बता रहा है कि राहुल चाहे जितना भी जोर लगा लें उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना अधूरा ही रहने वाला है.
काश ! वह अभागी रात कभी न आई होती !
एबीपी न्यूज-नीलसन सर्वे (ABP News-Nielsen Survey) के मुताबिक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानि यूपीए सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और बढ़ती महंगाई ने जनता में उनके प्रति मोह को खत्म कर दिया है. सर्वे की मानें अगर आज चुनाव हुए तो 543 सीटों वाली लोकसभा में यूपीए महज 136 सीटें ही जीत पाएगी वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को 206 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है लेकिन उसे भी बहुमत के जादुई आंकड़े से 66 सीटें कम ही मिलेंगी.
2009 के लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस ने अकेले ही 206 सीटों पर जीत दर्ज की थी और सरकार बनाई. जबकि भाजपा को 116 सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा. वहीं अगर बात की जाए अन्य पार्टियों की स्थिति की तो तीसरे मोर्चे का सपना देख रही लेफ्ट पार्टियों का हाल भी बहुत अच्छा नहीं होगा. अभी चुनाव हुए तो उन्हें 34 सीटें ही मिलेंगी, जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने 24 सीटें जीती थीं. इस सर्वे में माना जा रहा है कि देश की क्षेत्रीय पार्टियां समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, एआईएडीएमके, टीएमसी, बीजेडी, डीएमके, जेडीएस, टीडीपी जैसे दल सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाएंगे.
एबीपी न्यूज-नीलसन सर्वे के मुताबिक देशभर में किसको कितनी सीटें मिलने वाली हैं:
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उत्तर भारत
सीटें (151) | अभी चुनाव हुए तो (2013) |
यूपीए | 36 |
एनडीए | 67 |
अन्य | 48 |
पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत (बिहार और बंगाल भी शामिल)
सीटें (142) | अभी चुनाव हुए तो (2013) |
कांग्रेस | 33 |
एनडीए | 49 |
लेफ्ट | 21 |
दक्षिण भारत
सीटें (134) | अभी चुनाव हुए तो (2013) |
यूपीए | 36 |
एनडीए | 10 |
लेफ्ट | 13 |
पश्चिम भारत
सीटें (116) | अभी चुनाव हुए तो (2013) |
यूपीए | 31 |
एनडीए | 80 |
अन्य | 5 |
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