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यह राष्ट्रीय दल नहीं ‘गुटबाजी दल’ है

bjp modiआज देश की राष्ट्रीय पार्टियां भारी समस्याओं से जूझ रही हैं. एक तरफ जहां कांग्रेस को इस बात की चिंता सता रही है कि चुनाव नजदीक है और वह किस उपलब्धि को लेकर जनता के सामने जाए. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस विरोधी लहर का फायदा उठाकर जनता के सामने जाने के लिए उतावली तो है लेकिन उसे डर है कि पार्टी में हो रही गुटबाजी और गोलबंदी उसे नुकसान न पहुंचा दे.


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जानकारों की मानें तो आम चुनाव कभी भी हो सकते हैं लेकिन कोई भी पार्टी इसके लिए तैयार है इसकी संभावना बहुत ही कम देखने को मिल रही है. स्वयं  भाजपा भी इस समय चुनावी तैयारियों से अलग हट भारी गुटबाजी की शिकार हो गई है. विपक्षी दल भाजपा के कई बड़े नेता आपस में ही उलझे हुए दिखाई दे रहे हैं. सूत्रों की मानें तो इस समय पार्टी में ऐसे कई गुट बन चुके हैं जो अपने-अपने नेताओं को उच्च पदों पर बैठाने के लिए आवाज उठा रहे हैं.


बीजेपी में नरेंद्र मोदी के महत्व को हर कोई समझता है. उनके महत्व को ही देखते हुए उन्हें गत दिनों भाजपा के संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया. उनके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्हें संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया. इससे पहले किसी भी मुख्यमंत्री को बोर्ड का सदस्य बनने का मौका नहीं मिला.


गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी प्रभाव और देश में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के बड़े नेता उन्हें आगामी चुनाव के लिए प्रचार समिति की कमान सौंपने तैयारी कर रही हैं लेकिन पार्टी में कुछ ऐसे गुट हैं जो उन्हें आगे बढ़ता हुआ देखना नहीं चाहते हैं. पार्टी के कुछ बड़े नेता चाहते हैं कि मोदी की जगह यह जिम्मेदारी पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को सौंपी जाए. आपको बता दें कि ये वही नेता हैं, जिन्होंने मोदी को संसदीय बोर्ड में लाने का भी विरोध किया था. बताया जा रहा है कि इसी विरोध की वजह से मोदी को प्रचार समिति की कमान सौंपने का फैसला गोवा में होने वाली कार्यकारिणी तक टाल दिया गया है.


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फिलहाल भाजपा में गुटबाजी है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री पद के मुद्दे पर हर वक्त भाजपा टालमटोल करती आई है. उन्हें पता है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा कर दी जाती है तो पार्टी कहीं न कहीं बिखराव की स्थिति में आ जाएगी.


वैसे भाजपा में गुटबाजी एक पुरानी समस्या है. यहां कांग्रेस की तरह नहीं है कि जो आलाकमान ने कह दिया वह सबको मान्य होगा. भाजपा का अपना इतिहास है कि जब भी चुनाव करीब होते हैं चाहे वह राज्य स्तर के हों या फिर केंद्र स्तर के पार्टी के नेताओं के बीच आपस में ही घमासान मच जाता है. तब गुटबाजी भी अपनी चरम सीमा पर होती है. जानकार मानते हैं कि चुनावों में भाजपा की जिस तरह से लगातार हार हो रही है उसके पीछे आंतरिक कलह ही सबसे बड़ी वजह है.


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Tags: Nitin Gadkari, Narendra Modi, BJP president Rajnath Singh, parliamentary board, Gujarat CM Narendra Modi, BJP Prime Ministerial candidate, भारतीय जनता पार्टी, भाजपा, नरेंद्र मोदी, गुटबाजी.


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