ऐसा माना जाता है कि बॉलीवुड और क्रिकेट में बेशुमार पैसा है. कहा यह भी जाता है कि इनसे जुड़े लोगों की जिंदगी में कभी शाम नहीं होती. पैसा और शोहरत की इतनी दीवानगी होती है कि कोई अगर गुमनामी, एकाकीपन और घुटन महसूस कर रहा है तो उसके आसपास के लोग ऐसा होने नहीं देते. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि बॉलीवुड और क्रिकेट से संबंध रखने वाले लोगों के पास यदि यही पैसा और शोहरत न हो तो उनका जीवन कैसा होगा!!
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मुंबई में 1993 ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अभिनेता संजय दत्त इस समय पुणे की यरवदा जेल में सजा काट रहे हैं. बताया यह जा रहा है कि जब से वह जेल में गए हैं वहां खुद को सैटल नहीं कर पा रहे हैं. संजय इस बात से ज्यादा परेशान हैं कि वह 42 महीने की सजा यहां कैसे काटेंगे. जहां पहले संजय दत्त के जीवन में तड़क-भड़क और चकाचौंध की रोशनी हुआ करती थी वहीं आज उनकी जिंदगी बदरंग दिखाई दे रही है. यरवदा जेल की ऊंची-ऊंची दीवारें और उसके पीछे पसरा सन्नाटा संजय दत्त को चीख-चीख कर कह रही हैं कि अब आप स्टार नहीं हो बल्कि एक कैदी हो. उन्हें कैदी नंबर 16656 कह कर पुकारा जाता है.
जिस संजय दत्त ने अपनी पूरी जिंदगी में दिनचर्या का पालन नहीं किया और अपने हिसाब से जिया आज वही अभिनेता सुबह समय पर उठता है, जो उसे काम दिया गया है उसे जिम्मेदारी से करता है. माना यह जा रहा है कि उन्हें अखबार बाइंडिंग और पेपर फाइल बनाने का काम दिया गया है. फाइलों को एक से दूसरी जगह शिफ्ट करने की जिम्मेदारी भी उनको दी गई है. संजय दत्त को सुबह साढ़े सात बजे नाश्ता, उसके बाद साढ़े 11 बजे बजे दोपहर का भोजन और शाम साढ़े छह बजे रात का भोजन शामिल है. इन सब के बावजूद संजय दत्त पूरी तरह से बेचैन दिखाई दे रहे हैं. तनाव के कारण उन्हें रातों को नींद नहीं आ रही है. वह पूरी रात जगकर अपनी जेल की कोठरी में गुजार रहे हैं.
वैसे एक बड़ी हस्ती के रूप में केवल संजय दत्त ही नहीं हैं जिनकी पीड़ा जग जाहिर हो रही है. आईपीएल 6 के स्पॉट फिक्सिंग के मामले में फंसे तेज गेंदबाज एस श्रीसंत भी एक हस्ती रह चुके हैं जो कुछ दिन पहले तो नोट छाप रहे थे फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं. उनकी भी जिंदगी दुख और परेशानियों से घिर गई है. अदालत है कि उन्हें जमानत नहीं दे रहा और जेल में उनको राहत नहीं मिल रही.
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लोकप्रियता की बुलंदी से बदनामी के गर्त में गिरे श्रीसंत तिहाड़ जेल की एक छोटी सी कोठरी में दीवारें देखकर जिंदगी काट रहे हैं. पांच सितारा होटलों की पलंग पर आराम फरमाने वाले श्रीसंत मामूली बिस्तर पर सारी रात जगकर गुजार रहे हैं. मई महीने में जेल की तपती छत के नीचे वह फर्स पर चटाई बिछाकर लेटते हैं. फिलहाल उनके बड़े भाई डीपू संथन उनसे जेल में मिलने जाते हैं. डीपू संथन अपने साथ श्रीसंत के रोजाना इस्तेमाल के लिए कपड़े व दक्षिण भारतीय व्यंजन भी लेकर पहुंचते थे. श्रीसंत पर अब कैदी नंबर 2728 का लेवल लगा दिया गया है.
क्रिकेट और बॉलीवुड के दोनों स्टारों की जिंदगी को देखकर यह कहा जा सकता है कि जिंदगी किसी से भी इम्तिहान ले सकती है. व्यक्ति कितना भी बड़ा स्टार और धनवान क्यों न हो उसके बुरे कर्म उसका पीछा नहीं छोड़ते. यह बात श्रीसंत और संजय दत्त से ज्यादा किसे मालूम होगा.
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