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रोज-रोज की खिचखिच से छुटकारा पाने की तैयारी

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है भारतीय राजनीति में सरगर्मियां तेजी से बदलती हुई दिखाई दे रही हैं. गोवा में भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष क्या बनाया खुद भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में भूचाल आ गया.


bjp jdu in bihar 1मोदी को लेकर कुछ दिनों तक भाजपा में घमासान चलने के बाद अब खबर है कि एनडीए का एक अहम घटक दल जनता दल (यूनाइटेड) गठबंधन को जारी रखने या तोड़ने के सवाल पर इस समय गहन विचार कर रहा है. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद से ही जद(यू) में हलचल है. इस संबंध में पिछले मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के अध्यक्ष शरद यादव के साथ बैठक की गई.


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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी मिलने से नीतीश कुमार नाखुश हैं. उनकी नाखुशी तब और ज्यादा बढ़ गई जब आरएसएस के दबाव के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया. इसका मतलब यह हुआ कि मोदी को लेकर भाजपा अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगी.


यहां अगर भाजपा और जदयू का गठबंधन टूटता है तो बिहार में नीतीश की सरकार अल्पमत में आ जाएगी. इसका मतलब यह हुआ कि जदयू को दूसरों दलों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. 243-सदस्यीय बिहार विधानसभा में वर्तमान में जेडीयू के 118 विधायक हैं वहीं बीजेपी के 91, आरजेडी के 22, कांग्रेस के चार तथा लोजपा और सीपीआई के एक-एक विधायक हैं. सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत है. बताया गया कि बीजेपी के सत्ता से बाहर होने पर नीतीश अपनी सरकार चलाने के लिए बहुमत के लिए निर्दलीय विधायकों से संपर्क साध रहे हैं. चर्चा कांग्रेस के समर्थन को लेकर भी चल रही है. बिहार में कांग्रेस के पास फिलहाल चार सीटें हैं.


वैसे आपको बता दें कि नीतीश कुमार और भाजपा का जोड़ लगभग 17 सालों का है. यह जोड़ 1996 में तब हुआ था जब जदयू के बजाय नीतीश समता पार्टी के नेता थे. तब बिहार में समता पार्टी के छह सांसद हुआ करते थे और भाजपा के 18. आज अगर बात करें तो बिहार से भाजपा के 12 सांसद हैं जदयू के 20. 1999 की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जदयू ने अपने 21 सांसदों के साथ भाजपा को समर्थन दिया था. इस सरकार में नीतीश कुमार रेल मंत्री भी बने थे.


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