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क्या आतंकवाद से भी बड़ी समस्या है नक्सलवाद ?

देश के अलग-अलग हिस्से में नक्सलियों का कहर जारी है. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमले को ज्यादा दिन भी नहीं हुए कि बिहार के जमुई जिले में कुंधर हाल्ट के पास 150 नक्सलियों ने धनबाद से पटना आने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को अपने कब्जे में ले लिया. बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने हमला करके ट्रेन के गार्ड और ड्राइवर जख्मी कर दिया है.


खबर है कि नक्सलियों ने ट्रेन पर इसलिए हमला किया था कि ट्रेन में सवार आरपीएफ़ यानी रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के हथियार लूट सकें. फिलहाल सीआरपीएफ जवान और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है. जिले के डीएम शशिकांत तिवारी ने कहा कि इस आपदा का जल्द से जल्द समाधान निकाल लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे पूरी तैयारी के साथ नक्सलियों से लड़ने के लिए तैयार हैं. जवानों के हथियार छीन लिए गए हैं.


आपको बता दें कि हाल ही में नक्सलवादियों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के घने जंगलों में कांग्रेसी नेताओं के एक काफिले पर हमला करके वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत कई लोगों को मौत के घाट उतार दिए. इस हमले में नक्सलियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल को भी मार दिया. हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री वीसी शुक्ला समेत कई अन्य लोग घायल हो गए थे. वीसी शुक्ला को इलाज के लिए गुड़गांव के मेदांता अस्पताल लाया गया था जिनका हाल में निधन हो गया.


आज नक्सलवाद देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है जिसके आगे शासन-प्रशासन भी मजबूर दिख रहा है. इस समय ऐसा लग रहा है जैसे यह आतंकवाद से भी एक बड़ी समस्या है. एक अनुमान के मुताबिक आज देश के जिस भी हिस्से में नक्सलवाद सक्रिय है वहां न केवल खतरा बढ़ा है बल्कि माओवाद के नाम पर चलने वाले आपराधिक संगठनों में भी कोई कमी नहीं है.


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