Menu
blogid : 314 postid : 584004

यूपी की राजनीति में मुसलमान केंद्र बिंदु

akhilesh yadav 1उत्तर प्रदेश की सियासत में मुसलामानों की भूमिका अहम मानी जाती है यह बात समाजवादी पार्टी के मुखिया और उनके सुपुत्र तथा राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बेहतर कौन समझ सकता है. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय को प्रदेश में चलने वाली 30 विभागों की 85 सरकारी योजनाओं में 20 फीसदी कोटा देने का फैसला किया है. इस निर्णय का आधार सच्चर समिति की सिफारिशों को बनाया गया है.


मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का तर्क है कि में 2001 की जनगणना के आधार पर उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आबादी 19.33 प्रतिशत है. देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों में अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 25 प्रतिशत है. किसी देश का विकास तभी हो सकता है जब उसमें निवास करने वाले सभी वर्गों को विकास के समान अवसर उपलब्ध हों. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुस्लिमों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक पिछड़ेपन को देखते हुए यह निर्णय लिया गया, ताकि वे समाज की मुख्य धारा में आ सकें.


इस फैसले पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने लोकसभा चुनाव में भी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिम समुदाय को लुभाने के लिए यह कदम उठाया है. उनका कहना है कि चुनाव को देखते हुए यूपी में सभी दल अपने आप को मुसलमानों का हिमायती साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. इसके लिए पार्टी पर आरोप भी लगे हैं. वैसे भी समाजवादी पार्टी तो शुरू से ही मुसलमानों के हितों पर राजनीति करती आई है.


इस संबंध में बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह पर निशाना साध चुके हैं. पिछले साल नवंबर में यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए बेनी ने कहा कि सरकार मुस्लिम लड़कियों को शादी और पढ़ाई के लिए 30 हजार रुपये देने की योजना चला रही है. सरकार ऐसा 95 फीसदी अनुसूचित जाति, 25 फीसदी पिछड़ों और 10 फीसदी सामान्य वर्ग के लोगों को दरकिनार करके कर रही है.

Uttar Pradesh Welfare Schemes for Minorities

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh