जिस देश में प्रशासन से लेकर राजनीतिक व्यवस्था की सेहत खराब हो वहां पर देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के एक बड़े नेता को चक्कर क्या आ गया पार्टी का हरेक नेता सदमे में पहुंच गया. सोमवार को लोकसभा में खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा के बाद जब प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान हो रहा था, उस वक्त यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी की तबीयत अचानक खराब हो गई और उन्हें इलाज के लिए एम्स में भर्ती करवाया गया.
जैसे ही यह खबर पार्टी के अन्य नेताओं और सांसदों को लगी उन्होंने तुरंत सभी काम छोड़कर एम्स में जाकर गांधी परिवार के मुखिया के सामने हाजिरी लगाई. हाजिरी लगाने वालों में जर्नादन द्विवेदी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मोतीलाल वोरा, प्रिया दत्त और अंबिका सोनी जैसे नेता शामिल रहे. इसके अलावा हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी अपनी प्रिय महिला नेता को मिलने में देरी नहीं की.
वैसे उन कांग्रेसी नेताओं को बहुत ज्यादा अफसोस हुआ होगा जिन्होंने अस्पताल में भर्ती सोनिया गांधी के दरबार में अपनी हाजिरी नहीं लगाई. वह तो भला हो डॉक्टरों का जिन्होंने साधारण से चेकअप के बाद देर रात 1.30 बजे सोनिया गांधी को अस्पताल से छुट्टी दे दी अन्यथा मिलने का सिलसिला सुबह तक सैकड़ों तक पहुंच जाता.
इस तरह से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इन नेताओं के लिए सोनिया गांधी कितनी अहम हैं. ये वे नेता और मंत्री हैं जिनके पास भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर शहीद हो रहे भारतीय जवानों को सलामी देने की फुरसत नहीं है और जिन्हें देश में बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा महिलाओं की दुर्दशा को लेकर थोड़ा भी ख्याल नहीं है. यह बात केवल किसी खास पार्टी के किसी नेता पर ही लागू नहीं होती बल्कि देश की सभी छोटी-बड़ी पार्टियां इसी तरह की सोच रखती हैं.
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