गुजरात दंगा नरेंद्र मोदी की सरकार में एक ऐसा दाग है जिसे वह हर मंच पर ना चाहते हुए भी लगाए फिरते हैं. दूसरे तो दूसरे मोदी के अपने भी रह-रहकर इस दाग को उभारने की कोशिश करते हैं. गोवा के मुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेता मनोहर पर्रिकर ने गुजरात दंगों को लेकर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में छपे एक इंटरव्यू में कहा है कि गुजरात में हुए दंगे मोदी के करियर पर धब्बा है.
पर्रिकर ने आगे कहा कि अगर मैं उनकी (मोदी की) जगह होता, तो यह सुनिश्चित करता कि ऐसा न हो. हालांकि गोवा के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मोदी व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल नहीं थे और उन्हें जांच में क्लीन चिट मिली है.
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पर्रिकर ने कहा कि 2002 में दंगे नहीं होने चाहिए थे. प्रशासन को हिंसा पर लगाम लगानी चाहिए थी. उनके इंटरव्यू को लेकर उठे विवाद पर उन्होंने कहा है कि इंटरव्यू में कही बात को टुकड़ों में नहीं देखना चाहिए और वह अपनी बात पर कायम हैं. पर्रिकर के बयान से ऐसा लगता है कि वह सीधे तौर पर नरेंद्र मोदी की खामियों को बता रहे हैं. जो बीजेपी का कोई भी नेता ऐसा करने की हिमाकत नहीं करता.
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पर्रिकर ने पहले भी ऐसा बोला
ऐसा नहीं है कि मनोहर पर्रिकर ने पहली बार कहा है. कुछ महीने पहले एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा था कि 2002 में हुआ गोधरा दंगा शासन की विफलता का परिणाम है. हालांकि उस समय भी उन्होंने मोदी के समर्थन में बात कही कि आज मोदी ने गुजरात में जिस तरह से प्रशासन पर काबू किया है ऐसा कोई नहीं कर सकता.
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