हिंदी सिनेमा में कुछ महीने पहले ‘फुकरे’ नाम की एक फिल्म आई थी जिसमें एक चूचा नाम का एक किरदार था. यह किरदार अन्य सभी किरदारों से बिलकुल ही जुदा था. इस फिल्म में दिखाया गया है कि चूचा को एक ऐसी शक्ति प्राप्त है जो कुछ ही घंटों में अपने भविष्य को बदल सकता है. वह रात को जो सपना देखता सुबह उसका दोस्त उसी सपने से एक लॉटरी नंबर निकालता. यह लॉटरी नंबर उनकी किस्मत होती जो उन्हें फकीर से अमीर बना देती है.
असलियत की जिंदगी में भी एक ऐसे ही फुकरे बाबा हैं जो मीडिया, पुरातत्व विभाग और राज्य सरकार की रातों की नीद हराम कर रखी है. उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक बाबा शोभन सरकार (Shobhan Sarkar) ने दावा किया है कि उनको सपने में 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में शहीद हुए राजा राम बक्श सिंह ने आकर बताया कि उनके डौंडिया खेड़ा के किले में 1000 टन सोना दफ्न है. इस खबर से पूरे उत्तर भारत में हलचल है. हैरत की बात यह है कि केंद्र सरकार ने एक टीम उस जगह भेजी जहां खजाना होने की बात कही जा रही है.
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बाबा शोभन सरकार (Shobhan Sarkar) के सपनों को सराखों पर रखते हुए आज (शुक्रवार) से किले में खजाने की खुदाई की जा रही है. खुदाई के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की टीम ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. मीडिया सहित तमाम इतिहासकार वहां मौजूद है. इस खजाने की खबर के बाद शोभन सरकार चाहते थे कि सेना लगाकर दस घंटे में खुदाई कराकर सारा खजाना बाहर निकाल लिया जाए.
कौन हैं शोभन सरकार (Who is Shobhan Sarkar)
कानपुर के मैथा ब्लॉक के शकुलनपुरवा के एक परिवार में शोभन सरकार का जन्म हुआ इनके पिता का नाम कैलाशनाथ तिवारी था. 15 साल की उम्र में ही वैराग्य लेने वाले शोभन सरकार हिंदु धर्म में भगवान राम और हनुमान जी भक्त है. मंधना के लोग बताते हैं कि स्कूल में वह खाली समय में पेड़ के नीचे बैठकर रामचरित मानस या गीता पढ़ते थे. वह किशोरावस्था में गुरु स्वामी सत्संगानंद जी की शरण में आ गए थे. ऐसा कहा जाता है कि शोभन सरकार ने 8 वर्ष लगातार उनके सानिध्य में तप किया.
शोभन सरकार को कई निर्माण कार्यों के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने तलाब और मंदिर का भी निर्माण करवाया. शोभन सरकार के करीबी ओम जी महराज ने कहा है कि डौडिया खेड़ा के विकास के लिए खजाने के पैसे का प्रयोग होना चाहिए.
खजाना निकलने के बाद क्या होगा
अगर शोभन सरकार का सपना सच होता है तो यह तकनीकी और आधुनिक युग में हिला देने वाली खबर होगी. आज जहां पूरी दुनिया एक मुट्ठी में समा चुकी है वहां अगर इस तरह की खबर आती है और उसमे तनिक भी सच्चाई है तो यह वैज्ञानिकों के लिए नए सिरे से शोध करने की वजह बन सकती है. सवाल इतिहासकारों पर भी उठेगा जो मानकर चल रहे थे कि किसी घटना के पीछे इतिहास छुपा है. उसे किसी कथा से नहीं जोड़ा जा सकता.
अब आप सोच रहे होंगे कि इस खबर के बाद शोभन सरकार का क्या होगा. तो भारत जैसे देश में बाबाओं को किस तरह का दर्जा मिलता है हम सभी जानते हैं. इसमें किसी को बताने की जरूरत नहीं है.
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