कांग्रेस की नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार में बढ़ते भ्रष्टाचार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के असमर्थता के बाद पूरे देश में यह कयास लगाया जा रहा था कि कांग्रेस इस बार राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के रूप में आगे करेगी, लेकिन इन सभी अटकलों पर कल (गुरुवार) को विराम लग गया. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया है कि राहुल गांधी अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे, लेकिन वह पार्टी के चुनाव अभियान की कमान संभालेंगे.
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक के बाद पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार यह जरूरी नहीं कि एक पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार घोषित करने के बाद हम भी उनके अनुरूप उम्मीदवार घोषित करें. गौरतलब है कि भाजपा ने पिछले साल नरेंद्र मोदी को पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. जिसके बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि कांग्रेस भी चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी.
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राहुल को लांछन को बचाने की कवायद
अधिकतर लोगों का मानना है कि कांग्रेस की आज चुनावों में जो दुर्गती हो रही है उसके पीछे भ्रष्टाचार के अलावा सरकार में नेतृत्व कर रहे मनमोहन सिंह और पार्टी में नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी का बहुत बड़ा हाथ हैं, इसलिए पार्टी पूरे देश का मूड भांपते हुए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रेस से दूर कर दिया. उन्हें पता है कि अगर इस बार पार्टी हारती है सारा जिम्मा मनमोहन पर नहीं बल्कि राहुल गांधी पर पड़ने वाला है. इससे देशभर में राहुल को लेकर नकारात्मक छवि बनेनी.
उधर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस का उपहास करते हुए कहा कि कांग्रेसनरेंद्र मोदी(भाजपा के तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार) से डर गई है क्योंकि उन्हें पता है कि लोकसभा चुनावों में उनकी हार तय है, इसलिए राहुल को चुनाव से पहले आगे नहीं करना चाहते.
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चुनाव अभियान की कमान
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया है कि राहुल पार्टी के चुनाव अभियान की कमान संभालेंगे लेकिन जानकारों की माने तो राहुल 2009 के आम चुनाव के बाद से ही इस मोर्चे पर नाकाम रहे हैं. 2009 के बाद से ही राहुल के नेतृत्व में कई प्रदेशों में चुनाव हुए,जिसमें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और हाल ही में हुए पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रमुख है. मिजोरम को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर कांग्रेस को बूरी हार नसीब हुई है.
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