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अराजकता की रेस में कौन आगे और कौन पीछे

वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर यदि नजर दौड़ाएं तो हर कोई खुद को पाक साफ बताने पर तुला हुआ है. सभी पार्टियां अपने विरोधियों को नीचा दिखाने के लिए मौका नहीं छोड रहीं. अभी तक राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे की कारगुजारियों की पोल खोलते थे अब उसमें कहीं ना कहीं नवोदित पार्टी आम आदमी पार्टी भी शामिल हो चुकी है. इसलिए मुकाबला अब त्रिकोणीय हो चला है.


indian president 1अपने बड़बोलेपन की वजह से विवादों में रहने वाले अरविंद केजरीवाल सरकार के कानूनमंत्री सोमनाथ भारती लगातार अपने विरोधियों निशाने पर हैं. एक तरफ जहां भाजपा के विधायकों ने दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती को बर्खास्त करने की मांग को लेकर भाजपा विधायक दल के नेता हर्षवर्धन के नेतृत्व में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर धरना दिया. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में आप सरकार को बाहर से समर्थन दे रही कांग्रेस ने सोमनाथ भारती के मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात की.


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इस बीच खबर है कि सोमनाथ भारती ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा देश के नाम उनके संबोधन में कथित रूप से पार्टी के काम को ‘अराजकता’ करार देने वाले बयान पर हमला किया है. अपने एक ट्वीट में भारती ने प्रणब मुखर्जी से पूछा कि श्रीमान राष्ट्रपति, यदि ‘आप’ का काम अराजकता है, तब 1984, 2002 के दंगे आंदोलन थे? भारती ने अपने ट्वीट में कहा, ‘अगर ‘आप’ का काम अराजकता है, तब राष्ट्रपति 1984 और 2002 के दंगों को क्या मानेंगे? अच्छा मजाक है श्रीमान राष्ट्रपति.


अगर देखा जाए तो भारती के इस बयान से मुख्य रूप से दो बातें सामने आती हैं. एक तो उन्होंने अपने बयान से राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया है. क्योंकि राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में किसी पार्टी का नाम नहीं लिया था. दूसरी बात यह है कि वह खुद की पार्टी को कांग्रेस और भाजपा के मुकाबले कम अराजक बता रहे हैं, कहीं ना कहीं इस बात की पुष्टि भारत के इतिहास से हो जाती है.

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने कुछ मंत्रियों के साथ रेल भवन जैसे अहम स्थान पर चार पुलिसवालों के निलंबन की मांग को लेकर धरने पर बैठ थे जिसको लेकर आज भी सवाल उठाए जा रहे हैं. उपराज्यपाल द्वारा दो पुलिसकर्मियों को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद केजरीवाल का धरना समाप्त हुआ. इसके बाद जब प्रणब मुखर्जी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया, तो अराजकता पर दिए गए उनके बयान को आम आदमी पार्टी के साथ जोड़ा जा रहा था.


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राष्ट्रपति ने क्या कहा था

लोक-लुभावन अराजकता शासन का विकल्प नहीं हो सकती. झूठे वादों की परिणति मोहभंग में होती है जिससे क्रोध भड़कता है तथा इस क्रोध का एक ही स्वाभाविक निशाना होता है सत्ताधारी वर्ग.


सोमनाथ भारती के अन्य विवादित बयान

सोमनाथ भारती ने एक बयान में आरोप लगाया था कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह कांग्रेस की सदस्य हैं और आयोग द्वारा उनके खिलाफ उठाया गया कदम राजनीति से प्रेरित है.

गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सोमनाथ भारती ने पिछले शनिवार को एक पत्रकार के सवाल पर हमला बोलते हुए कहा था कि सवाल के लिए मोदी से कितने पैसे लिए हैं.

इससे पहले भारती ने भाजपा के दो नेताओं का नाम लेकर कहा था कि उन पर थूकने का मन करता है. इस पर ‘आप’ ने खेद जताया था और कहा था कि भारती से कहा गया है कि वे इस तरह की बयानबाजी नहीं करें.


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