स्वाइन फ्लू की तरह अब इबोला वायरस के भी पूरी दुनिया में फैलने का खतरा पैदा हो गया है. लाइबेरिया से एक 40 वर्षीय संक्रमित व्यक्ति के फ्लाइट से दूसरे देश यात्रा करने के कारण डॉक्टर संभावना जता रहे हैं कि वायरस अफ्रीका से बाहर के देशों में भी फैल सकता है. संक्रमित पैट्रिक की शिनाख्त के बाद पता चला कि जिस फ्लाइट से पैट्रिक सॉयर ने यात्रा की उसमें उसके अलावा करीब आधा दर्जन इंफेक्टेड लोग थे. ब्रिटिश डॉक्टर्स और बॉर्डर ऑफिशियल ने यूके के डॉक्टर्स और हॉस्पिटल्स को इबोला के लक्षण दिखने पर सतर्क रहने को कहा है.
गौरतलब है कि हाल ही में लाइबेरिया में रह रहे पैट्रिक सॉयर की बहन की इबोला वायरस के संक्रमण से मौत हुई है. पैट्रिक भी इससे इंफेक्टेड था. उसे उलटी हो रही थी और डायरिया भी था पर ‘ए स्काई एयरलाइंस’ से उसे अपनी फ्लाइट में यात्रा करने की इजाजत मिल गई और उसने यात्रा कर भी ली. इतना ही नहीं पैट्रिक की यह फ्लाइट डायरेक्ट नहीं थी, घाना में रुककर टोगो से नाइजीरिया के लिए उसने दूसरी फ्लाइट भी ली. पैट्रिक की तीन बेटियां थीं लेकिन नाइजीरिया पहुंचने के तीन दिन बाद ही संक्रमण के कारण उनकी मौत हो गई.
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इससे पैट्रिक के साथ प्लेन में रहे ग्राउंड स्टाफ और उसके आस-पास के पैसेंजर के भी संक्रमित होने का खतरा है और संक्रमण के साथ वे जहां भी गए हैं उनसे वह वहां भी फैल सकता है. इसलिए फ्लाइट्स के ग्राउंड स्टाफ और अन्य पैसेंजर्स को ढूंढकर उनका टेस्ट करवाए जाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि अब तक केवल 59 लोगों को ढूंढा जा सका है और मात्र 20 की ही जांच हो सकी है.
हॉंगकॉंग में भी इबोला का पहला केस सामने आया है और डॉक्टर इसकी जांच कर रहे हैं. इसके अलावा बरमिंघम में भी इबोला के लक्षण देखकर एक मरीज की जांच की गई. हालांकि बाद में उसे डॉक्टर ने क्लीन चिट दे दी.
अब पूरी दुनिया में लाइबेरिया के सरकारी कर्मचारियों पर सवाल उठ रहे हैं कि इबोला के संक्रमण के दिख रहे साफ-साफ लक्षणों के बावजूद उन्होंने पैट्रिक को यात्रा की इजाजत कैसे दी. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने ऐहतियातन यूके बॉर्डर एजेंसी ऑफिशियल से मिलकर कर्मचारियों को इबोला के लक्षणों के विषय में जानकारी देने की बात की है. पीएचई ने इसके लिए नेशनल मेडिकल एलर्ट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए डॉक्टरों को इबोला संक्रमित इलाके में जाने वाले लोगों के संक्रमित होने के प्रति चौकन्ना रहने की सलाह दी है. पीएचई के अनुसार ब्रिटेन के लिए यह आपातकाल की स्थिति है और इसके लिए उन्होंने डेविड कैमरून से भी बात की है.
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इबोला के मुख्य लक्षण हैं उलटी, डायरिया, बुखार, कमजोरी, सिर दर्द और गले में खराश. कई मरीजों में संक्रमण ज्यादा होने पर इंटरनल ब्लीडिंग की स्थिति भी आ जाती है. स्वाइन फ्लू की तरह इबोला वायरस भी इंसानों से इंसानों में फैल सकता है और इसका कोई इलाज नहीं है.
हालांकि भारत में अभी तक ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है लेकिन लाइबेरिया में इस संक्रमित व्यक्ति को हवाई यात्रा की इजाजत मिलने की जानकारी मिलने से पूरी दुनिया में इसके फैलने की संभावना बढ़ गई है. ऐसी असावधानी से यह रोग यहां भी आ सकता है. इसलिए लोगों को इसके लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है. गौरतलब है कि स्वायन फ्लू भी इसी तरह पूरी दुनिया में फैला था. अफ्रीका में इस फरवरी इबोला का पहला केस सामने आने पर अब तक 672 लोगों की इससे मौत हो चुकी है.
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