Menu
blogid : 314 postid : 797348

जानिए हिटलर ने कैसे निकाला था स्विस बैंकों में जमा अपने देश का कालाधन

कालाधन पुराना विषय है. पिछले सरकार के लिए ये सिरदर्द थी और अण्णा के लिए आंदोलन का विषय . उसमें भी स्विस बैंकों में जमा कालाधन हमेशा आम जनों के जुबाँ पर रहा है. ऐसा क्यों है कि जब भी भारतीयों द्वारा विदेशों में अवैध धन जमा करने की चर्चा होती है तो स्विस बैंक का नाम जोर-शोर से उछल कर सामने आता है. आइए एक नजर डालते हैं स्विस बैंकों से उन जुड़े पहलुओं पर जिससे हमारे कुछ भ्रम दूर हो सकते है.



Swiss_Bank_Declaration




स्विस बैंक का इतिहास

स्विस बैंक ग्रेट काउंसिल ऑफ ब्रिटेन 1713 ने सबसे पहले यह नियम बनाए थे कि ये बैंक अपने ग्राहकों से संबंधित सूचना की जानकारी बिना उनकी सहमति के किसी परिस्थिति में उजागर नहीं करेंगे. स्विटज़रलैंड के बैंकिंग नियम 1934 के मुताबिक अगर किसी बैंकर को ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाया गया तो उसे कारावास की सजा दी जाती है. हिटलर अपने शासनकाल में जर्मनी के उन नागरिकों को मृत्युदंड की सज़ा देता था जिनके पास विदेशी मुद्रा पाई जाती थी. उसके अधिकारियों द्वारा स्विस बैंकों पर पूरी निगाह रखी जाती थी. इसलिए जर्मनी के निवासियों ने स्विस बैंकों में पैसा जमा करना छोड़ दिया. वहीं दूसरी तरफ स्विटज़रलैंड सरकार ने बैंकों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए और कड़े नियम-कानून बनाए.


Read:  भ्रष्टाचार की अर्थव्यवस्था


स्विस बैंक को लेकर लोगों में भ्रम

अमूमन लोगों में यह भ्रम रहता है कि स्विस बैंक में रईसों या अवैध तरीके से कमाने वाले लोगों का धन जमा होता है. यह अधूरी सच्चाई है. स्विस बैंक में 5000 स्विस फ्रैंक से खाता खोला जा सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं इन बैंकों में बिना किसी न्यूनतम राशि के भी खाता खोला जा सकता है.




swiss-bank-account-6




क्यों स्विस बैंक में धन जमा करना चाहते हैं लोग

गोपनीयता के साथ ही यहाँ के बैंकों का स्थायित्व लोगों को अपना धन इन बैंकों में जमा करने के लिए आकर्षित करता है. यहाँ वित्तीय ज़ोख़िम नगण्य है जिसका एक कारण स्विटज़रलैंड का किसी देश के साथ युद्ध में नहीं पड़ना है.


Read:  अब दिख रही है परिपक्‍वता


भारतीयों का कितना पैसा

एक अनुमान के मुताबिक विदेशी बैंकों में भारतीयों का कुल जमा धन करीब 462 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है. भारतीय अर्थव्यवस्था में ये धन आने पर कई आर्थिक समस्याओं जैसे- बजट घाटा, महँगाई आदि का निदान सँभव है.




Read more:

हम हैं सबसे बड़े भ्रष्टाचारी

सट्टेबाजी क्रिकेट से मिटाएगा ‘भ्रष्टाचार’ !

बाबा रामदेव द्वारा काले धन पर संघर्ष एक छलावा है ?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh