तेहरान की एक अदालत ने एक ब्रिटिश-ईरानी महिला को पुरुषों का वॉलीबॉल मैच देखने की कोशिश करने का दोषी मानते हुए एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी. अदालत के इस फैसले की पूरी दुनिया में घोर निंदा की जा रही थी.
गॉन्चेह गवामी को दो वर्षों तक ईरान छोड़कर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. आईएसएनए संवाद समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार मोश्ताघियन कहती हैं कि,’’अपीलीय अदालत के अंतिम फैसला आने तक उसकी बेटी को रिहा किया गया है.’’
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गवामी की ज़मानत का फैसला तब आया है जब अदालत में चिकित्सीय आधारों पर उसके ज़मानत के लिए याचिका दायर की गई थी. गवामी को गत 20 जून को आजादी स्टेडियम से हिरासत में लिया गया था, जब ईरान की राष्ट्रीय वॉलीबॉल टीम इटली के खिलाफ मैच खेलने वाली थी. हालांकि, गवामी को कुछ देर बाद ही रिहा कर दिया गया था लेकिन कुछ दिनों बाद उसे फिर से गिरफ्तार कर उस पर अदालत में मुकदमा शुरू कर दिया गया था. इस मामले ने जहाँ एक ओर दोहरी नागरिकता व सुनवाई से पहले लंबी हिरासत के कारण लोगों का ध्यान खींचा था वहीं दूसरी ओर लोक मीडिया पर लोग इस फैसले के विरोध में अपनी प्रतिक्रियाएँ देकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे थे. अपनी गिरफ्तारी के विरोध में कारावास में होने के बावजूद गवामी ने भूख हड़ताल की थी.
ईरान के स्थानीय अख़बारों ने लंदन की 25 वर्षीय लॉ ग्रेजुएट गॉन्चेह गवामी के वकील अलीजादेह तबाताबेइ के हवाले से बताया गया था कि उसे एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. अदालत के अनुसार, ईरानी शासन व्यवस्था के खिलाफ काम करने के अपराध में गवामी को सजा सुनाई गई थी. एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, तेहरान में महिलाएँ पुरूषों का मैच नहीं देख सकती. इस पाबंदी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए गवामी वॉलीबॉल स्टेडियम में कई महिलाओं के साथ घुसी थी. इसके बाद सभी महिलाओं व महिला फोटोग्राफर्स को स्टेडियम से बाहर निकाल दिया गया था. हालांकि, किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी. कुछ घंटों बाद पुलिस ने गवामी को गिरफ्तार कर लिया था और फिर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी को मामले में हस्तक्षेप कर गवामी को रिहा करने के लिए कहा था.
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एक अन्य ख़बर के अनुसार गवामी को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जासूसी का आरोप सही साबित होने पर उसे 6 वर्षों तक के कारावास की सज़ा हो सकती है.
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