कुत्ते को इंसान का सबसे अच्छा दोस्त यूं ही नहीं कहा जाता है. कुत्ते और इंसानों की दोस्ती की कई रोचक कहानियां हमने पढ़ी और सुनी होगी. बहुत पहले बॉलीवुड की एक फिल्म भी आई थी ‘तेरी मेहरबानियां’ जिसमें कुत्ते ‘मोती’ ने अपने मालिक की मौत का बदला लिया और उसकी हत्या करने वाले गुनाहगारों के खिलाफ सबूत भी एकत्रित किए. लेकिन यह एक ऐसी सच्ची घटना है जिसे पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे.
यह एक ऐसे कुत्ते की कहानी है जो न सिर्फ एक व्यक्ति या परिवार को दुलारा था बल्कि पूरा का पूरा मुहल्ला उस पर जान छिड़कता था और जब उसकी मौत हुई तो मुहल्ले में ऐसा नजारा था जैसा पहले किसी ने नहीं देखा था.‘सोनू’ नाम का यह कुत्ता कोई विलायती नस्ल का कुत्ता नहीं था. कहने को यह भी कहा जा सकता है कि यह अहमदामाद की एक गली का साधारण सा कुत्ता था पर इसने अपने 18 साल की लंबी जिंदगी में इस मुहल्ले की इतनी वफादारी से रखवाली की थी कि उसकी मौत पर मुहल्ले के लोग फूट-फूट कर रोने लगे. इस गली के कुत्ते के लिए मुहल्ले की हर आंख गमज़दा थी.
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मुहल्ले वासियों ने सोनू का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से किया. सोनू के सम्मान में मुहल्ले के हर निवासी ने उसके शव के ऊपर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजली अर्पित की. महिलाओं ने सोनू के शव पर अबीर, गुलाल और सुगंधित इत्र लगाए. उसके लिए बांस की अर्थी बनवाई गई और उसकी शव यात्रा में मुहल्ले को लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा. लोगों ने सोनू की तस्वीर पर फूलामाला चढ़ाकर अपने-अपने घरों में लगाई है .
इससे ठीक उल्टा मामला कुछ दिन पहले हैदराबाद में देखने को मिला थी जहां अपने मालिक की मौत के बाद उसके पालतू कुत्ते ने खाना-पीना छोड़कर उसकी कब्र के पास ही धुनी रमा ली थी बाद मे इस किशोर की मां जब आई तब कुत्ते ने उस स्थान को छोड़ा था. Next..
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