अगर आप बाबा रामदेव को केवल एक योग गुरू के तौर पर देखते आये हैं तो ये समय है अपनी आँखों को पानी से अच्छी तरह धोकर उन्हें दुबारा देखने का. जहाँ बाबा रामदेव लोगों के शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तमाम तरह के आसन करवाते हैं, वहीं लोगों के शरीर की अन्य आवश्यकताओं व इच्छाओं मसलन भूख, सौंदर्य आदि का भी ख़्याल रखने की वर्ष 2012 में तेज हुई उनकी मुहिम अब अपना रंग दिखा रही है.
चौंकिये मत! बिना विज्ञापन और विपणन पर अधिक खर्च किये बाबा रामदेव ने अपनी कंपनी पतंजलि योगपीठ के उत्पादों के जरिये करीब 2,000 करोड़ रूपए का अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया है. मार्च 2012 में फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स(एफएमसीजी) और हर्बल खुदरा बाज़ार में अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज की है. पतंजलि योगपीठ के स्वदेशी कहे जाने वाले इन उत्पादों ने ग्रामीण बाज़ारों में बड़ी तेजी से अपनी पकड़ बनाई है. वर्ष 2012 में जहाँ पतंजलि योगपीठ के करीब 200 बिक्री केंद्र थे वो अब बढ़कर 4,000 के करीब पहुँच गये हैं.
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पतंजलि योगपीठ ब्रांड तले बनी शहद, आटा, बेसन और तेल जैसे उत्पाद अब खुले बाज़ार के द्वारा लोगों के घरों तक पहुँच रहे हैं. पतंजलि ब्रांड ने अपने प्रत्येक उत्पादों को आध्यात्मिक छुअन दी है. इसके अलावा इन उत्पादों की कीमत बहुराष्ट्रीय कंपनियों की कीमतों से तकरीबन 20 से 30 प्रतिशत कम रखी गई है. कुछ समाचारपत्र समूहों की रिपोर्टों के अनुसार पतंजलि की आय वर्ष 2012 की 450 करोड़ से बढ़ कर वित्तीय वर्ष 2015 में 1,200 करोड़ रूपये तक पहुँच गई है. यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस वर्ष यह 67 प्रतिशत की उछाल के साथ करीब 2,000 करोड़ रूपये का आँकड़ा छू लेगी.
रिपोतार्ज़ की मानें तो मोदी सरकार पतंजलि योगपीठ के उस प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है जो इस कंपनी ने लघु, सूक्ष्म व मझोले उद्योग मंत्री कलराज मिश्र के सामने प्रस्तुत की है. इस प्रस्तुति में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की कमियों से उपजी रिक्ति को भरने की अपनी योजना को बताया गया है. कहा जा रहा है कि पतांजलि योगपीठ खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग को अनुसंधानात्मक व विकासात्मक सहयोग देगी. रिलायंस रिटेल जैसी कंपनियाँ जहाँ पतंजलि योगपीठ के उत्पादों को अपने बिक्री-केंद्रों में जगह दे रही है, वहीं रामदेव अपने उत्पादों को ई-बाज़ार में भी उतारने की कवायद में लगे हैं. इसके लिए अमोज़ोन से बातचीत जारी है.
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पतंजलि के उत्पादों को लोगों के घरों में तेजी से पहुँचता देखकर कहा जा सकता है कि रामदेव की विपणन नीति बेहद कारगर साबित हो रही है. लेकिन अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब रामदेव की कंपनी पर पिछली यूपीए सरकार ने कर-चोरी का आरोप लगाया था और आयकर अधिकारियों ने इस संबंध में जाँच भी की थी. ‘चला मुरारी हीरो बनने’ वाली लोकोक्ति को रामदेव इस रूप में चरितार्थ कर रहे हैं ‘चला योग गुरू व्यवसायी बनने’! Next….
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