प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास देश के विद्यार्थियों को शिक्षित करने की एक अनूठी योजना है जिसे मूर्त रूप देने का काम करेंगे मंजुल भार्गव. प्रधानमंत्री की इस महत्तवाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत विख्यात शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों को भारतीय तकनीकी संस्थानों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए बुलाया जाएगा. मंजुल भार्गव प्रधानमंत्री के दिमाग की उपज इस परियोजना (जीआईएएन) के चेहरे होंगे. वो इस परियोजना के तहत अमेरिका और विश्व के अन्य देशों में रह रहे शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों की नियुक्ति करेंगे जो भारत आकर विद्यार्थियों को पढ़ाएँगे.
हालांकि भार्गव ने एक वेबसाइट के पत्रकारों को उन व्यक्तियों का नाम बताने से इंकार किया जिनकी इस परियोजना ‘ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क(जीआईएएन)’ के तहत नियुक्ति की जाएगी. लेकिन उन्होंने कहा कि, ‘मैं ऐसे लोगों को आमंत्रित करना चाहता हूँ जिन्होंने विद्यार्थियों को बेजोड़ गणितज्ञ बनाने में महती भूमिका निभाई हो और अपना जीवन उन्हें गणित विषय के बारे में उत्सुक बनाने में गुज़ार दिया.’
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उन्होंने यह भी जोड़ा कि, ‘इस अभियान के तहत वो खुद भी भारतीय तकनीकी संस्थान खड़गपुर और मुंबई में विद्यार्थियों को पढ़ाएँगे.’
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ये वही मंजुल भार्गव हैं जिन्हें गणित के क्षेत्र में ‘फील्ड मेडल’ से सम्मानित किया गया था. फील्ड मेडल को ‘गणित का नोबेल पुरस्कार’ माना जाता है. सोल में आयोजित इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ मैथमेटिक्स 2014 में अंतर्राष्ट्रीय गणितज्ञ संघ ने उन्हें यह फील्ड मेडल प्रदान किया था. प्रिंसटन विश्वविद्यालय में गणित के प्राध्यापक भार्गव को ज्यामिती संख्या में महत्तवपूर्ण नई पद्धति को विकसित करने के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. Next….
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